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सरकारी अस्पताल प्रणाली को पूर्णत: सुरक्षित बनाने के लिए इसमें सुधार किया जाएगा: मंत्री मुश्रीफ.

सरकारी अस्पताल प्रणाली को पूर्णत: सुरक्षित बनाने के लिए इसमें सुधार किया जाएगा: मंत्री मुश्रीफ.

मुंबई, 31 मई । ‘पोर्श’ कार हादसा मामले में पुणे के ससून अस्पताल में रक्त नमूनों में कथित फेरबदल किए जाने के मद्देजनर महाराष्ट्र के मंत्री हसन मुश्रीफ ने वादा किया कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था को पूर्णत: सुरक्षित बनाया जाएगा।

‘पोर्श’ दुर्घटना मामले के आरोपी किशोर के रक्त के नमूनों की कथित अदला-बदली की बात सामने आने के बाद ससून अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के तत्कालीन प्रमुख डॉ. अजय तावड़े, चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और कर्मचारी अतुल घटकांबले को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का कहना है कि हादसे के समय कार किशोर चला रहा था।

पुलिस का दावा है कि जब दुर्घटना हुई, उस समय नाबालिग कार चालक ने शराब पी रखी थी। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को हुए इस हादसे में मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री मुश्रीफ ने बृहस्पतिवार को मुंबई में पत्रकारों से कहा, ”पुलिस को पता चला है कि डॉ. अजय तावड़े दुर्घटना की रात छुट्टी पर थे और उन्हें किसी ने फोन किया था। उन्होंने तीन लाख रुपए लिए और डॉ. हलनोर को बुलाकर रक्त के नमूने बदलवाए। यह पूरी तरह से गलत था।”

पुलिस ने बृहस्पतिवार को यहां एक अदालत से कहा था कि किशोर के रक्त के नमूनों को एक महिला के खून के नमूनों से बदला गया ताकि यह साबित किया जा सके कि इस हादसे के समय वह नशे की हालत में नहीं था।

महाराष्ट्र लोक स्वास्थ्य विभाग के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने दावा किया कि किशोर के नमूने उसकी मां के नमूनों से बदले गए थे।

मंत्री ने कहा, ”हमें अस्पतालों के कामकाज में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप को रोकने के लिए कुछ बदलाव करने और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हम प्रणाली में सुधार करेंगे और इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाएंगे।” उन्होंने कहा कि विभाग तावड़े को भी ”उनके जीवन का सबसे बड़ा सबक” सिखाएगा।

ससून अस्पताल के डीन डॉ. विनायक काले को छुट्टी पर भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ”(रक्त के नमूने के प्रकरण की जांच के लिए गठित) समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ. काले ने अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन नहीं किया। उन्हें छुट्टी पर भेजने के फैसले का उनके द्वारा संवाददाता सम्मेलन में मेरा नाम लिए जाने से कोई लेना-देना नहीं है।”

इससे पहले डॉ. काले ने दावा किया था कि डॉ. तावड़े को चिकित्सा अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार देने के आदेश मुश्रीफ ने दिए थे।

सियासी मियार की रीपोर्ट