Saturday , September 21 2024

आने दो दुनिया में..

आने दो दुनिया में..

-प्रतिमा शुक्ला-

बन रहा हैं एक जीवन
आने को तैयार है एक जीवन
सोच रहीं है उस पल को
जब लेगी मां हाथों में
जाग्रत होगा उसका मातृत्व
बन जायेगी वह ममता की मूरत
अचानक हुई कुछ हलचल
शायद थी मशीनों की ध्वनि
सहम गयी वह
टूट गया उसका सपना
पूछ रही है वह मां से
नहीं लाओगी दुनिया में?
क्या दोष है मेरा
जो आने से पहले ही
मार दिया अपना अंश?
क्या मिली है मुझे
लड़की होने की सजा?
ढूंढ रही हैं।।

आने दो दुनिया में

-प्रतिमा शुक्ला-

बन रहा हैं एक जीवन
आने को तैयार है एक जीवन
सोच रहीं है उस पल को
जब लेगी मां हाथों में
जाग्रत होगा उसका मातृत्व
बन जायेगी वह ममता की मूरत
अचानक हुई कुछ हलचल
शायद थी मशीनों की ध्वनि
सहम गयी वह
टूट गया उसका सपना
पूछ रही है वह मां से
नहीं लाओगी दुनिया में?
क्या दोष है मेरा
जो आने से पहले ही
मार दिया अपना अंश?
क्या मिली है मुझे
लड़की होने की सजा?
ढूंढ रही हैं

सियासी मियार की रीपोर्ट