यूपी: गंगा में देखे गए 22 घड़ियाल…

बिजनौर (उत्तर प्रदेश), 02 मार्च । उत्तर प्रदेश के बिजनौर और नरोरा बैराज के बीच 170 किलोमीटर की दूरी पर खत्म हुई जनगणना में हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य में 22 घड़ियाल देखे गए हैं।
केवल 0.5 प्रतिशत की जीवित रहने की दर के साथ उत्तर प्रदेश वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिसने गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के प्रयास किए हैं।
साल 2008 में चंबल नदी में 100 से ज्यादा घड़ियाल की रहस्यमय ढंग से मौत हो गई थी।
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया में केवल 650 वयस्क घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) जंगली में मौजूद हैं। इस आबादी का लगभग सभी हिस्सा भारत और नेपाल में स्थित है।
बहुत कम जीवित रहने की दर कई कारकों जैसे कि विषम लिंगानुपात, शिकारियों के हमले और अन्य शारीरिक मुद्दे के कारण होती है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया में जलीय जैव विविधता के वरिष्ठ समन्वयक, संजीव यादव ने कहा, एक घड़ियाल को परिपक्व होने में लगभग 14 साल लगते हैं, जिसके बाद यह प्रजनन शुरू होता है। बीते 13 सालों में हमने 818 कैप्टिव-पालेहुए किशोर घड़ियाल पेश किए, जो सिर्फ एक साल के थे। हमने लगातार नदी के आसपास उनकी निगरानी की, जो उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में फैली हुई है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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