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खुशनुमा रहे दांपत्य…

खुशनुमा रहे दांपत्य…

हर रिश्ते की तरह दांपत्य में भी खटपट होना आम बात है। बस दोनों को यह ध्यान रखना चाहिए कि इस खटपट की आवाज घर के बाहर न जाने पाए। इससे आपका दांपत्य हमेशा खुशनुमा बना रहेगा…

निशिका की शादी हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन उसकी न केवल अपने पति, बल्कि ससुराल वालों के साथ बहुत अच्छी बनती है, जबकि निशिका की छोटी बहन वीथिका की शादी को अभी दो-तीन साल भी नहीं हुए हैं, लेकिन वीथिका की न तो अपने पति से बनती है और न ही अपने ससुराल वालों से। यह समस्या केवल वीथिका की ही नहीं है, बल्कि उसके जैसी बहुत सी लड़कियों की है। निशिका ने अपनी छोटी बहन को कई बार समझाया कि दांपत्य रूपी रिश्ते को चलाने के लिए किसी डिग्री की नहीं, बल्कि आपसी समझदारी की जरूरत होती है। अगर आप भी अपने रिश्ते में हमेशा मिठास बनाए रखना चाहती हैं तो निशिका की तरह ही अपना व्यवहार संतुलित बनाए रखें।

तुनकमिजाजी ठीक नहीं

रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. साधना सिंह का कहना है कि दांपत्य के रिश्ते में तुनकमिजाजी सबसे बड़ी दुश्मन होती है। यह तो आपको भी पता होगा कि तुनकमिजाज लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता और न ही बहुत देर तक कोई उससे बात कर सकता है। जरा-जरा सी बात पर गुस्सा आना, गुस्सा आने पर मुंह फुलाकर बैठ जाना, सामने वाले पर झल्लाना और दूसरों पर चीखना-चिल्लाना इससे कुछ हासिल नहीं होता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि गुस्से में कई बार न चाहते हुए भी हमारे मुंह से गलत शब्द निकल जाते हैं। इसलिए कुछ भी बोलने से पहले दस बार सोचें। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि आप चुपचाप बैठी रहें या आपस में बात करना बंद कर दें। ध्यान रखिए बात करने से ही हर समस्या का हल निकलता है। इसलिए आपस में बातचीत के जरिए अपनी समस्याओं का हल खोजने की कोशिश करें।

हर रिश्ते का महत्व है

रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. कविता शर्मा का कहना है कि हर शादीशुदा लड़की को यह समझना चाहिए कि उसका पति सिर्फ उसी का नहीं है, बल्कि वह किसी का बेटा, किसी का भाई, किसी का मित्र है। शादी हो जाने से सारे रिश्ते समाप्त नहीं हो जाते हैं। हर रिश्ते की अपनी अहमियत होती है और हर रिश्ते की अपनी मांग होती है, जिसे पूरा करना हर व्यक्ति का फर्ज होता है।

आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप हर रिश्ता निभाने में अपने पति की मदद करें। अगर आप पति से जुड़े रिश्तों को अपना समझेंगी तो आधी समस्या तो अपने आप हल हो जाती है। समझदारी भरा व्यवहार करने से न केवल आपके पति की नजरों में आपका मान बढ़ेगा, बल्कि आपकी पूरे परिवार की नजरों में इज्जत बढ़ेगी।

सहनशीलता जरूरी है रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. साधना सिंह कहती हैं कि दांपत्य जीवन में सबसे जरूरी व अहम चीज है सहनशीलता। सहनशीलता के बल पर हर कोई बड़ी से बड़ी लड़ाई आसानी से जीत सकता है। इस रिश्ते में सहनशीलता का अहम् रोल होता है। यह ऐसा रिश्ता है, जिसमें अगर छोटी-छोटी बातों को तूल न दिया जाए तो हमेशा मधुर रह सकता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि दांपत्य में सहनशीलता का अहम् रोल होता है। इसके महत्व को वही समझ सकता है, जो इसके सुखद परिणामों से वाकिफ होगा।

क्वालिटी टाइम देना

एक बैंक में कार्यरत शालिनी गुप्ता कहती हैं कि अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाने से भी दांपत्य में मधुरता बनी रहती है। वह कहती हैं कि मैं चाहे कितनी भी व्यस्त क्यों न रहूं, सुबह आफिस जाने से पहले और शाम को घर आने के बाद मैं अपने हाथों से पति और बच्चों के लिए चाय-नाश्ता बनाकर देती हूं। मेरा मानना है कि प्यार के साथ-साथ एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना भी बहुत जरूरी है। मैं दिन में दो-तीन बार पति और बच्चों से बात करती रहती हूं। इससे उनको कभी भी मेरी कमी नहीं खलती है।

मेरा मानना है कि क्वांटिटी टाइम देने की बजाय क्वालिटी टाइम देना अधिक जरूरी है। इससे रिश्ते में मिठास बनी रहती है। उपहार का महत्व रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ.कविता शर्मा का कहना है कि उपहार प्यार की अभिव्यक्ति होते हैं। रिश्ते में मिठास लाने के लिए यह जरूरी है कि आपस में एक-दूसरे को समय- समय पर उपहार दिया जाए। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि उपहार कीमती ही हो। प्यार से दिया गया एक फूल भी वह काम कर देता है, जो बड़े से बड़ा हीरा भी नहीं कर सकता है। उपहार संबंधों को जोडने का एक बढिया माध्यम हैं। डॉ. कविता कहती हैं कि भला यह कैसी बात हुई कि आप शादी से पहले तक तो अपने साथी को समय-समय पर खूब उपहार देते हैं, लेकिन उसी के साथ शादी हो जाने पर उसके लिए एक की-रिंग भेंट करना भी जरूरी नहीं समझते हैं।

उपहार के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा एक-दूसरे को कुछ न कुछ देते रहें। आप चाहें तो उपहारस्वरूप एक-दूसरे को छोटेछोटे नोट्स लिखकर भी दे सकते हैं। देखने में भले ही यह बचकानी हरकत लगे, लेकिन साथी के चेहरे पर इससे भी मुस्कान आ जाती है। इन छोटी-छोटी बातों से जो खुशी होती है, उसकी तुलना रूपयों और सोने-चांदी के जेवरों से भी नहीं की जा सकती है।

जिंदादिली बनाए रखें

रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. साधना सिंह कहती हैं कि इस बात से तो आप भी वाकिफ होंगी कि जिंदादिली से हर प्रकार के तनावों से राहत मिलती है। तनाव दूर करने के लिए जरूरी है कि घर में हंसीखुशी का वातावरण हो। खुश रहने से तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कार्टिसोल का स्राव कम होने लगता है। यही नहीं प्रसन्न रहने से ब्लडप्रेशर में भी राहत मिलती है। इसलिए यह ध्यान रखें कि जब आप दोनों घर पर हों तो घर में हंसीखुशी का माहौल बना रहना चाहिए।

सियासी मियार की रिपोर्ट