पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकों पर सैन्य मुकदमों के खिलाफ याचिकाओं पर फिर सुनवाई शुरू की..

इस्लामाबाद, 19 जुलाई । सुप्रीम कोर्ट की छह सदस्यीय पीठ ने नागरिकों पर सैन्य मुकदमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर शुरू कर दी है। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति आयशा ए मलिक शामिल हैं।
मंगलवार की सुनवाई में चीफ जस्टिस बंदियाल ने कहा था कि नागरिकों को सैन्य अदालतों की कठोरता से नहीं गुजरना चाहिए। नागरिकों को संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है। सैन्य कानून सख्त हैं। सामान्य कानून से अलग हैं। इनका सामना सैन्य कर्मियों के लिए अच्छा हो सकता है।
प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान की दलील पर की। अवान ने न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी के 23 जून के नोट का हवाला दिया था। कल प्रधान न्यायाधीश ने सरकार के एक अनुरोध को भी ठुकरा दिया था। इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने तर्क दिया था कि पाकिस्तान सेना अधिनियम 1952 के तहत सशस्त्र बलों के खिलाफ हिंसा के आरोपितों पर मुकदमा संवैधानिक ढांचे के अनुरूप है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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