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इंडियन ऑयल केंद्रीय टीबी डिवीजन तथा उप्र और छत्तीसगढ़ के बीच समझौता ज्ञापन..

इंडियन ऑयल केंद्रीय टीबी डिवीजन तथा उप्र और छत्तीसगढ़ के बीच समझौता ज्ञापन..

नई दिल्ली,। क्षय रोग के खतरे का मुकाबला करने के लिए इंडियन ऑयल (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय टीबी डिवीजन (सीटीडी) तथा उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

भारत के बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में टीबी के सर्वाधिक मामले हैं। इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोगों को नि:शुल्क उच्च गुणवत्ता वाले टीबी उपचार, देखभाल और सहायता सेवाएं प्रदान करना है।

इंडियन ऑयल एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में लगभग 64 करोड़ रुपये निवेश किया है। इंडियन ऑयल उत्तर प्रदेश में अत्याधुनिक नैदानिक टेक्नोलॉजी से लैस 18 मोबाइल मेडिकल वैन भी देगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में तथा दुर्गम समुदायों में टीबी के निदान में सहायता मिलेगी।

डॉ. मनसुख मांडविया और हरदीप सिंह पुरी ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और उत्तर प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के सेंट्रल टीबी डिवीजन के बीच ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन की सराहना की। मांडविया ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन 2025 तक भारत में टीबी उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को मजबूत बनाएगा। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन भारत में स्वाध्याय सेवा प्रणाली को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री के विजन के साथ जोड़ने के लिए भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के संकल्प की पुष्टि करता है।

इंडियन ऑयल उत्तर प्रदेश के सभी आकांक्षी जिलों और छत्तीसगढ़ के दूरवर्ती जनजातीय क्षेत्रों में लागत प्रभावी अत्याधुनिक नैदानिक टेक्नोलॉजी देगी। उल्लेखनीय है कि भारत में 2022 में टीबी के मामलों में 18 प्रतिशत की कमी देखी गई है।

सियासी मियार की रिपोर्ट