इमरान खान द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने और निवेश के लिए चीन का दौरा करेंगे

इस्लामाबाद, 06 जनवरी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की योजना अगले महीने के शुरू में चीन जाने की है। उनके इस दौरे का मुख्य मकसद बीजिंग के साथ अपने सदाबहार द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के अलावा सीपीईसी के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए अधिक से अधिक निवेश हासिल करना होगा।
‘चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहयोगी खालिद मंसूर ने बुधवार को सालाना ‘‘एपीसीईए सतत विकास रिपोर्ट 2021’’ के विमोचन के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री चीन दौरे से पहले निवेशकों की राह में आने वाली सभी अड़चनों को दूर कर देना चाहते हैं। मंसूर सीपीईसी प्राधिकरण के प्रमुख भी हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान सीपीईसी परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी हर 15 दिन में लेते हैं। इस्लामाबाद स्थित चीनी दूतावास में सालाना ‘‘एपीसीईए सतत विकास रिपोर्ट-2021’’ का विमोचन पाकिस्तान-चाइना इंस्टीट्यूट (पीसीआई) और ऑल-पाकिस्तान चाइनीज एंटरप्राइजेज एसोसिएशन (एपीसीईए) ने किया।
एक अधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान में विदेशी निवेशकों की सुविधा के लिए 37 नियमों को हटाकर एकल खिड़की संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
करीब 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाला सीपीईसी चीन के संसाधन संपन्न शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह को जोड़ता है। सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड पहल का सबसे अहम हिस्सा है जो चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे पसंदीदा योजना है । इस परियोजना का मकसद चीनी वित्त-पोषित आधारभूत ढांचे के बूते दुनियाभर में चीन का प्रभाव बढ़ाना है।
सीपीईसी प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान में चीनी उद्यमों के काम ने जो अंतर पैदा किया है उसे खान ने देखा है और सीपीईसी के कारण ही थार कोल एनर्जी का सपना साकार हो सका।
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने इमरान खान के फरवरी के शुरु में होने वाले चीन दौरे का स्वागत किया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। इस दौरान चीन के राजदूत नोंग रोंग ने सीपीईसी में चीनी निवेश पर प्रकाश डाला। रोंग ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान में बन रहे सीपीईसी पर अब तक 25 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं जिससे 75 हजार लोगों को काम मिला, इसके तहत 500 किलोमीटर लंबे राजमार्ग और सड़कें बनीं तथा 5500 किलोवाट विद्युत उत्पादन हुआ।
एपीसीईए उन 200 चीनी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है जो पाकिस्तान में कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें चीनी कंपनियों के सीईओ भी शामिल थे।
गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे को सदाबहार सहयोगी के रूप में देखते हैं। इसके अलावा पाकिस्तान के सैन्य साजोसामान का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता चीन है। अब चीन पाकिस्तान को आर्थिक मदद मुहैया कराने पर भी सहमत हो गया है ताकि उसकी बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके।
सियासी मीयर की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal