कोविड-19 को लगाम के लिए जन स्वास्थ्य संबंधी कदमों का सख्त क्रियान्वयन अनिवार्य: डब्ल्यूएचओ…
नई दिल्ली, 08 जनवरी । दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के अधिकतर देशों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हुई बढ़ोतरी के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जन स्वास्थ्य से जुड़े एवं सामाजिक कदमों का सख्ती से क्रियान्वयन किए जाने का शनिवार को आग्रह किया।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप भले ही कम गंभीर दिखाई देता है, लेकिन इसे ‘मामूली’ कहकर खारिज नहीं किया जा सकता।
दक्षिण पूर्वी एशियाई क्षेत्र के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि सभी एहतियाती और सुरक्षात्मक कदमों को पूरी ईमानदारी से लागू किए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘प्राधिकारियों को वायरस को और फैलने से रोकने के लिए स्थिति के अनुसार कदम उठाने होंगे। लोगों को नियमों का पालन करना होगा। मास्क लगाना, हाथों को साफ रखना, खांसते समय उपयुक्त व्यवहार का पालन करना, हवा का पर्याप्त आवागमन सुनिश्चित करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना अत्यावश्यक है।’’
सिंह ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप को ‘मामूली’ कहकर खारिज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत संक्रामक स्वरूप दुनियाभर की स्वास्थ्य प्रणालियों पर पहले ही दबाव बना रहा है और लोगों के अस्पताल में भर्ती होने एवं उनकी मौत के मामले वैश्विक स्तर पर सामने आ रहे हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोविड-19 का हर मामला ओमीक्रोन का संक्रमण नहीं हैं। डेल्टा जैसे अन्य स्वरूपों का भी संक्रमण फैल रहा है, जिसके कारण, जैसा कि हमें पता है, गंभीर संक्रमण और मौत होती है।’’
उन्होंने कहा कि इसलिए संक्रमण का हर मामला चिंता का विषय होना चाहिए।
सिंह ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण इस संक्रमण को रोकने के लिए एक और एहतियातन कदम है और पूर्ण टीकाकरण के बावजूद लोगों को सभी अन्य एहतियातन और सुरक्षात्मक कदम उठाने चाहिए।
सिंह ने कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों पर क्षमता से अधिक बोझ बढ़ने नहीं देना चाहिए, क्योंकि ऐसे में स्वास्थ्य प्रणालियां न तो उन कोविड-19 मरीजों को बचा पाएंगी, जिनकी मौत टाली जा सकती है और न ही अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की जान बचाने के लिए आवश्यक सेवाएं मुहैया करा पाएंगी।
सियासी मियार की रिपोर्ट