पूरे एशिया में सबसे खास है नैनीताल का चिड़ियाघर, यहां लाए जाते हैं हर राज्य के पशु-पक्षी.

उत्तराखंड का नैनीताल तो पूरे देश में मशहूर है, ये तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं यहां का चिड़ियाघर भी पूरे एशिया में एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं। जी हां, कई आकर्षणों के बीच यहां एक चिड़ियाघर भी हैं, जो एशिया का सबसे हाई एल्टिट्यूड जू होने के अलावा देश के कोने-कोने से लाए जाने वाले जानवरों की प्रजातियों के लिए भी मशहूर है। चलिए आपको इस चिड़ियाघर के बारे में बताते हैं।
1984 में हुई थी स्थापना
11 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर की स्थापना 1984 में की गई थी, साल 1995 में इस चिड़ियाघर को पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया था। अभी यहां देश-विदेश से लाए गए कुल 200 जानवर और पक्षी मौजूद हैं।
यहां पाए जाने वाले जानवर और पक्षी
इनमें तेंदुआ, बंगाल टाइगर, तिब्बती भेड़िया, हिमालयन ब्लैक बीयर, मोनाल, सिल्वर फीजेंट और मारखोर जैसी प्रजातियां शामिल हैं। बता दें, उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और भारत के चौथे गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया।
परिसर भी है बड़ा ही शानदार
लगभग 11 एकड़ में फैले नैनीताल चिड़ियाघर परिसर भी काफी खूबसूरत है, जगह-जगह यहां आपको पेंटिग्स दिख जाएगी, जिसमें कुमाऊंनी शैली डिजाइन की गई है। वहीं पूरे परिसर में घूमने के बाद आप खूबसूरत पार्क में आराम भी कर सकते हैं।
शटल सेवा से आएं चिड़ियाघर
नैनीताल चिड़ियाघर तल्लीताल में मौजूद है, यहां माल रोड पर आपको जो शटल सेवा भी मिल जाएगी। इसके अलावा यहां तक पैदल और दो पहिए वाहन से भी पहुंच सकते हैं। चिड़ियाघर गुरूवार के दिन छोड़कर बाकी हर दिन पर्यटकों के लिए सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला है।
एंट्री के लिए फीस
चिड़ियाघर में एंट्री के लिए 100 रुपए में शुल्क रखा गया है। 12 साल से कम उम्र के बच्चे और सीनियर सिटीजन फ्री में जू जा सकते हैं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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