डेंगू: बचाव और इलाज की पूरी गाइड….

दिल्ली और एनसीआर में हाल के दिनों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सतर्क रहने और समय पर सही इलाज कराने से इसे आसानी से मैनेज किया जा सकता है। डेंगू के केवल 1 फीसदी मरीज ही गंभीर स्थिति में पहुँचते हैं। अधिकांश मरीज घर पर आराम और डॉक्टरी सलाह से ही ठीक हो जाते हैं।
बुखार क्या है
जब शरीर पर वायरस या बैक्टीरिया हमला करता है तो शरीर अपनी इम्युनिटी को एक्टिव करके उसका मुकाबला करने लगता है। इस प्रक्रिया में शरीर का तापमान 98.3 फॉरनहाइट से ऊपर चला जाता है, जिसे बुखार कहा जाता है। बच्चों में कई बार हाथ-पाँव ठंडे रहते हैं, लेकिन पेट और माथा गर्म हो जाता है। डेंगू बुखार अक्सर तेज होता है और कई दिनों तक बना रह सकता है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने के 4-7 दिन बाद इसके लक्षण दिख सकते हैं।
आम लक्षण हैं:
तेज बुखार (बार-बार आना)
आँखों के पीछे दर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
त्वचा पर लाल चकत्ते या दाने
कमजोरी
डेंगू के तीन रूप होते हैं –
क्लासिकल डेंगू फीवर: साधारण बुखार और दर्द, जो 5-7 दिन में ठीक हो जाता है।
डेंगू हेमरेजिक फीवर: इसमें प्लेटलेट्स घटते हैं, खून आ सकता है।
डेंगू शॉक सिंड्रोम: गंभीर अवस्था, मरीज का बीपी और नब्ज गिर जाते हैं।
इस साल दिल्ली में डेन-2 और डेन-4 सेरोटाइप ज्यादा देखे जा रहे हैं, जिनमें जोखिम अधिक होता है।
बचाव: मच्छरों को पनपने से रोकें
घर और आसपास पानी जमा न होने दें।
कूलर, गमला और पानी की टंकी रोज साफ करें या उसमें ब्लीचिंग पाउडर डालें।
छत पर रखे डिब्बे, टायर या बोतलें उलटे रखें।
किचन-बाथरूम में सफाई रखते हुए पानी पूरी तरह ढककर रखें।
मच्छर के काटने से बचाव
घर से बाहर निकलते समय पूरी बाँह के कपड़े पहनें।
हल्के रंग के कपड़े चुनें क्योंकि काले या गहरे रंग की ओर मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं।
नेचुरल उपायों में नींबू पर लौंग लगाने, गुग्गुल या लैवेंडर ऑयल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।
मच्छर repellents, मैट्स और कॉइल्स का सुरक्षित उपयोग करें।
इम्युनिटी मजबूत करें
संतुलित आहार, मौसमी फल, हरी सब्जियां और दूध-दही का सेवन करें।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी दूध, तुलसी-पानी, आंवला और गिलोय जैसी हर्बल रेमेडी भी कारगर हैं।
रोज पर्याप्त नींद लें और हाइड्रेटेड रहें।
डेंगू की जांच
सरकार ने दरें तय की हैं:
एनएस-1 एंटीजन टेस्ट: 600 रुपये
डेंगू एंटीबॉडी टेस्ट: 600 रुपये
प्लेटलेट्स काउंट: 50 रुपये
मरीज के खून में NS-1 एंटीजन, IgM और IgG देखकर डेंगू की पुष्टि की जाती है।
प्लेटलेट्स और इलाज
सामान्य व्यक्ति में प्लेटलेट्स 1.5 लाख से 4.5 लाख तक होते हैं।
प्लेटलेट्स घटकर 20 हजार से नीचे आने या ब्लीडिंग की स्थिति में ही प्लेटलेट्स चढ़ाने पड़ते हैं।
इलाज में सबसे जरूरी पैरासिटामोल से बुखार कंट्रोल करना और भरपूर लिक्विड लेना है।
Aspirin, Combiflam, Brufen, Nimesulide जैसी दवाएं नहीं लेनी चाहिए।
घर में डेंगू मरीज की देखभाल
पैरासिटामोल हर 6 घंटे में दें।
ठंडे पानी की पट्टियां बुखार कम करने में मददगार हैं।
रोजाना 4-5 लीटर तक तरल पदार्थ दें – पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, जूस।
मरीज को मच्छरदानी के अंदर रखें ताकि संक्रमण दूसरों में न फैले।
सांस फूलने, लगातार ब्लीडिंग या होश में कमी होने पर तुरंत अस्पताल ले जाएं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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