शारदीय नवरात्र 2025 का विशेष: हाथी पर आएंगी और जाएंगी मां दुर्गा.
-सौरभ जैन अंकित-

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 (सोमवार) से आरंभ हो रही है और 1 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को संपन्न होगी। देवी पुराण और दुर्गा सप्तशती के अनुसार नवरात्रि का आरंभ और समापन किस वार को हो रहा है, इसके आधार पर माता की सवारी (वाहन) का निर्णय किया जाता है। इस बार एक अद्भुत संयोग बन रहा है। नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को और समापन बुधवार को हो रहा है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि माता दुर्गा हाथी पर आगमन भी करेंगी और हाथी पर ही प्रस्थान भी करेंगी।
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार वाहन संकेत
देवी भागवत पुराण तथा कालिकापुराण में वर्णित है कि मां दुर्गा विभिन्न वाहनों पर प्रकट होकर जगत को संदेश देती हैं।
सिंह पर आगमन – साहस और विजय का प्रतीक
घोड़े पर आगमन – संघर्ष और अशांति का संकेत
नौका पर आगमन – समृद्धि और शांति का प्रतीक
हाथी पर आगमन – वर्षा, उन्नति और स्थिरता का संकेत
इसी प्रकार, हाथी पर प्रस्थान का अर्थ भी शुभ माना गया है। यह संकेत करता है कि आने वाला समय जल-समृद्धि, कृषि की उन्नति, राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक संतुलन लेकर आएगा।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
वेदों और ज्योतिष शास्त्र में हाथी को गजकरक वाहन कहा गया है।
हाथी बृहस्पति ग्रह से संबद्ध माना जाता है, जो ज्ञान, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।
सोमवार को नवरात्रि का प्रारंभ होना चंद्रमा की शांति और शुद्धता को दर्शाता है।
बुधवार को समापन होना बुध ग्रह की कृपा को इंगित करता है, जो वाणी, व्यापार और विवेक का कारक है।
इस योग से संकेत मिलता है कि इस वर्ष वाणी में मधुरता, व्यापार में प्रगति और समाज में सामंजस्य बढ़ेगा।
वेदों का संदेश
ऋग्वेद और अथर्ववेद में हाथी को ऋतुसंपन्नता और मेघवाहन कहा गया है। हाथी पर माता का आना और जाना वर्षा की प्रचुरता और प्राकृतिक संसाधनों की बहाली का संकेत है। यह माना जाता है कि जब धरती पर जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है तो अन्न, धान्य और धन की वृद्धि होती है।
भक्तों के लिए फल
आर्थिक समृद्धि – कृषि और व्यापार में उन्नति
राजनीतिक स्थिरता – देश और समाज में शांति का वातावरण
परिवारिक सुख-शांति – गृहस्थ जीवन में सामंजस्य और संतोष
आध्यात्मिक उन्नति – साधना और भक्ति में वृद्धि
हाथी पर माता दुर्गा का आना और जाना अत्यंत शुभ संकेत माना गया है। यह भक्तों के लिए सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का संदेश लेकर आता है। हालांकि यह मान्यताएँ धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं पर आधारित हैं, किंतु आस्था ही वह शक्ति है जो मानव जीवन में सकारात्मकता और आशा का संचार करती है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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