हजरत निजामुद्दीन दरगाह में ‘जश्न-ए-चरागा’ पर विवाद, आरएसएस की मुस्लिम विंग और दरगाह कमेटी आमने-सामने

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर। दिल्ली की ऐतिहासिक हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह में इस बार ‘जश्न-ए-चरागा’ यानी दिवाली के दिए जलाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने दरगाह परिसर में दिवाली के दिए जलाने का कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है। मंच का कहना है कि इसका उद्देश्य “गंगा-जमुनी तहज़ीब” और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देना है। हालांकि, दरगाह कमेटी ने इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए निजामुद्दीन थाने में तहरीर दी है। कमेटी का कहना है कि दरगाह एक धार्मिक स्थल है, जहाँ इस तरह के आयोजन परंपरागत रूप से नहीं किए जाते और बिना अनुमति ऐसा कार्यक्रम धार्मिक शांति भंग कर सकता है। वहीं, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का दावा है कि यह परंपरा नई नहीं है, वे कई वर्षों से दरगाह में दिए जलाकर दिवाली मनाते आए हैं। संगठन ने स्पष्ट कहा है कि वे इस बार भी दिए जरूर जलाएंगे। इस कार्यक्रम में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार के शामिल होने की भी संभावना है। विवाद को देखते हुए पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है। मंच के कार्यकर्ता दरगाह क्षेत्र में दीए बांटते हुए “एकता में शक्ति” का संदेश दे रहे हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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