वर्ष 2025 में बॉलीवुड अभिनताओं ने सिल्वर स्क्रीन पर बिखेरा जलवा

मुंबई, 22 दिसंबर । वर्ष 2025 में बॉलीवुड के कई सितारों ने सिल्वर स्क्रीन पर अपना जलवा बिखेरा। ऐतिहासिक गाथाओं से लेकर प्रेरणादायक बायोपिक्स, दिल छू लेने वाली रोमांस कहानियों और शानदार डेब्यू तक, इस साल सब कुछ रहा और इन फिल्मों में प्रमुख अभिनेताओं ने अपनी गहराई, दृढ़ता और स्टार-पावर से सबका दिल जीत लिया। फिलहाल आइए देखते हैं, किस हीरो ने वर्ष 2025 में सबसे गहरा
आमिर खान की तारे ज़मीन पर की वैचारिक विरासत को आगे बढ़ाती फ़िल्म सितारे जमीन पर संवेदनशीलता, सहानुभूति और मानवीय रिश्तों पर केंद्रित है। इस फ़िल्म में आमिर ख़ान एक बार फिर उस स्पेस में लौटते नज़र आए जहाँ उनका अभिनय शोर नहीं, बल्कि असर छोड़ता है।
रणवीर सिंह ने फिल्म धुरंधर में धमाकेदार परफार्मेंस किया। इस फिल्म में रणवीर सिंह का किरदार उग्र, अनप्रेडिक्टेबल और मानसिक रूप से बेहद जटिल है। इसके अलावा अभिनय की बात करें तो धुरंधर में उनका अभिनय, उनकी एनर्जी हर सीन में बेहद प्रभावशाली है और कहानी को बेहद खूबसूरती से आगे बढ़ाती है।
अक्षय खन्न ने धुरंधर और औरंगजेब जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया। धुरंधर में जहां रहमान डकैत के रूप में अक्षय खन्ना का रहस्यमयी लेकिन संयमित अभिनय जहां धुरंधर की जान है, वहीं औरंगज़ेब के किरदार में फ़िल्म छावा में उनकी निर्दयता दर्शकों को उनसे नफरत करने के लिए उकसाती है और यही फ़िल्म की जान है। हालांकि वर्ष के अंत में रिलीज़ हुई फ़िल्म धुरंधर में रहमान डकैत के रूप में उनके स्वैग ने दर्शकों को उनका दीवाना बना दिया।
मराठा इतिहास पर आधारित छावा में विक्की कौशल वीरता, नेतृत्व और भावनात्मक गहराई को संतुलित करते नज़र आते हैं। यदि यह कहें तो गलत नहीं होगा कि वीर शिवाजी महाराज के सुपुत्र संभाजी महाराज के रूप में उनका यह किरदार, उनके करियर का सबसे सम्मानजनक और शक्तिशाली परफ़ॉर्मेंस में से एक है।
लंबे समय बाद निर्देशन में लौटे मोहित सूरी की फ़िल्म सैयारा, नई पीढ़ी की प्रेम कहानी को दर्शाती है, जिसमें अहान पांडे का किरदार मासूमियत और जुनून के बीच झूलता नज़र आता है। हालांकि एक सच यह भी है कि इसी फ़िल्म ने न सिर्फ उनके स्टारडम की नींव रखी है, बल्कि यह साबित कर दिया है कि वे यहां लंबे समय तक टिके रहने का दमखम रखते हैं।
अजय देवगन फिल्म रेड 2 में एक बार फिर आयकर अधिकारी अमय पटनायक के किरदार में लौटे। अजय देवगन ने एक बार फिर अपने प्रभावशाली अभिनय की गहरी छाप छोड़ी है। पिछली ‘रेड’ के मुकाबले रेड 2 की कहानी और ज़्यादा गहरी, ज़्यादा ख़तरनाक और ज़्यादा व्यक्तिगत थी, जिसमें सत्ता, पैसा और सिस्टम का दिलचस्प खेल था। इसके बीच फँसे ईमानदार अफ़सर के रूप में अजय देवगन संयमित लेकिन तीखा अभिनय फ़िल्म की सबसे बड़ी ताक़त थी।
‘डिप्लोमैट’ और ‘तेहरान’ इन दोनों फ़िल्मों में जॉन अब्राहम एक अलग ही स्तर की गंभीरता के साथ नज़र आते हैं। जहां ‘डिप्लोमैट’ में संवाद और रणनीति अहम है, वहीं ‘तेहरान’ में अंतरराष्ट्रीय राजनीति, मिशन और तनाव के साथ कहानी आगे बढ़ती है। हालांकि फिल्म समीक्षकों और दर्शकों के अनुसार यह उनका अब तक का सबसे सधा हुआ अभिनय माना जा रहा है।
आयुष्मान खुराना ने फिल्म थाम्मा में धमाकेदार प्रदर्शन किया।यह पहला मौका है जब आयुष्मान खुराना अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से पूरी तरह बाहर निकलते नज़र आते हैं। विशेष रूप से नैतिक दुविधाओं, सामाजिक दबाव और इंसानी कमजोरी को उजागर करता उनका किरदार और उनका अभिनय, कहानी से भी आगे बोलता है।
अक्षय कुमार ने केसरी 2 और जॉली एलएलबी 3 जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया। फ़िल्म केसरी 2, साहस, शौर्य और बलिदान की भावना को और गहराई से पेश करती है। इसके अलावा अक्षय कुमार का फिज़िकल ट्रांसफ़ॉर्मेशन और इमोशनल इंटेंसिटी फ़िल्म को काफी प्रभावशाली बनाती है। केसरी 2 के साथ ही एक बार फिर जॉली एलएलबी 3 से दर्शकों को हंसाने और सिस्टम पर कटाक्ष और तीखा वार करने आए अक्षय कुमार अपने कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी से एक बार फिर दर्शकों का दिल जीतते हैं।
‘धड़क 2’ में सिद्धांत चतुर्वेदी की अभिनता के रूप में प्रगति साफ झलकती है। प्यार, संघर्ष और भावनात्मक उथल-पुथल से भरे इस किरदार में उन्होंने अब तक का सबसे बेहतरीनऔर परिपक्व प्रदर्शन किया है। यही वजह है कि दर्शकों के साथ आलोचकों ने भी न सिर्फ उनके अभिनय का लोहा माना, बल्कि उनके अभिनय को “नेशनल अवॉर्ड योग्य” बताया। अपनी भावनाओं, दृढ़ता और संयमित प्रदर्शन से सबकी तारीफ बटोरनेवाले सिद्धांत ने ‘धड़क 2’ में व्यक्तिगत इच्छाओं और सामाजिक दबाव के बीच टूटते संतुलन को जिस प्रभावशाली ढंग से पकड़ा है, उससे एक रोमांटिक फिल्म भी मानवीय गाथा में बदल गई है। सच पूछिए तो ‘धड़क 2’ के साथ वे न सिर्फ फिल्म को ऊंचाई देते हैं, बल्कि अपनी पीढ़ी के सबसे प्रभावशाली थिएट्रिकल कलाकारों में शुमार भी हो जाते हैं।
आदर्श गौरव की फिल्म सुपरबॉयज़ ऑफ मालेगाँव फ़िल्म छोटे शहर के उन युवाओं की कहानी है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। आदर्श गौरव का नैचुरल और रियल अभिनय फ़िल्म की आत्मा है।
फ़िल्म होमबाउंड पहचान, विस्थापन और भावनात्मक जड़ों की तलाश की कहानी है और ईशान खट्टर का सधा हुआ अभिनय इसे वैश्विक दर्शकों से जोड़ता है।
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