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रोहित शर्मा ने अपनी बल्‍लेबाजी में सुधार किया : रवि शास्‍त्री…

रोहित शर्मा ने अपनी बल्‍लेबाजी में सुधार किया : रवि शास्‍त्री…

नई दिल्ली, 27 जनवरी। टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्‍त्री ने भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े स्‍टार विराट कोहली और रोहित शर्मा के बारे में बात की और बताया कि कैसे दोनों एक-दूसरे से अलग हैं। पूर्व भारतीय कप्‍तान विराट कोहली और मौजूदा सीमित ओवर कप्‍तान रोहित शर्मा भारतीय टीम के दो सबसे बड़े बैटिंग सुपरस्‍टार्स हैं, लेकिन बल्‍लेबाजी के आधार पर दोनों में से किसी एक को चुनना मुश्किल है। मैदान के बाहर दोनों व्‍यक्ति बहुत अलग हैं। भारतीय खिलाड़‍ियों के साथ लंबा समय बिता चुके रवि शास्‍त्री ने कोहली और रोहित के बर्ताव के बारे में बातचीत की। कोहली को बीस्‍ट करार देते हुए शास्‍त्री ने प्रकाश डाला कि जब ऊर्जा, जोश और प्रतिस्‍पर्धी होने की बात आती है तो कैसे कोई कोहली की बराबरी नहीं कर सकता है। हालांकि, मैदान के बाहर कोहली बेहद शांत व्‍यक्ति हैं।

रवि शास्‍त्री ने शोएब अख्‍तर के यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा, ‘मैदान पर विराट बीस्‍ट की तरह है। वो टेरियर है। वो मैदान में आता है तो प्रतिस्‍पर्धा करना चाहता है और किसी के बारे में चिंतित नहीं होता। वो आपके मुंह पर होता है और जुनूनी है। मैदान के बाहर वो बिलकुल अलग है। बहुत शांत और आराम से रहता है। उसमें कोई दिक्‍कत नहीं रहती। वो 33 साल का है। उसने कप्‍तान बनकर योगदान दिया। चुनौती आती है जब एक समय के बाद आप कप्‍तान नहीं रहते हैं। तब भी खिलाड़ी के रूप में आप में ऊर्जा रहती है, रन बनाएं और टीम की जीत में मदद करें। अगर वो ऐसा करते हैं तो घेरा पूरा कर लेंगे।’

इसके बाद रवि शास्‍त्री ने रोहित शर्मा के व्‍यक्तित्‍व के बारे में बताया। शास्‍त्री ने रोहित को सकारात्‍मक अंदाज में वापस रखा गया करार देते हुए बताया कि क्‍या सबसे बड़ा बदलाव किया, जो 34 साल के बल्‍लेबाज की बल्‍लेबाजी में दिखा। पूर्व कोच ने कहा, ‘अब रोहित को वापस रखा गया है। ऐसा भी एक समय था जब आपको महसूस होता थ कि उनके लिए खेल बहुत आसानी से बना। फिर उन्‍हें एहसास हुआ कि भगवान ने मुझे यह उपहार दिया है और अब मैं कड़ी मेहनत करके इसका ज्‍यादा से ज्‍यादा फायदा उठाऊंगा। और जब वो अपनी पूरी लय में हो तो कुछ ही बल्‍लेबाज हैं, जो उसके जैसे खेल पाते हैं।’ रवि शास्‍त्री ने अपने विचार मांग वाले क्रिकेट पर रखे और जोर दिया कि अगर कुछ बदलाव किए जाएं तो खेल को संतुलित किया जा सकता है। पहली चीज उन्‍होंने बताई कि बाउंसर की लिमिट को कम करना चाहिए और दूसरी कि कार्यक्रम इस तरह तैयार किया जाए कि खिलाड़‍ियों को थकान महसूस नहीं हो।

सियासी मियार की रिपोर्ट