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सर्दियों में रहें खिली-खिली…

सर्दियों में रहें खिली-खिली…

मौसमी बदलाव न सिर्फ शरीर पर गहरा असर डालता है, त्वचा को भी प्रभावित करता है। गर्मी से सर्दी की शुरुआत हो या सर्दी के बाद गर्मी आना, त्वचा को परेशानी दोनों ही हालत में होती है। सर्दी अपने शबाब पर है। ऐसे में आप अपनी त्वचा को कोमल बनाए रखने के लिए कैसी देखभाल करें….

सर्दियों का मतलब है, बर्फीली हवाओं का आना-जाना, जो हमारी त्वचा की नमी छीन कर इसे रूखा बना देती है। हमारे होंठ और पैर फटने लगते हैं। तैलीय त्वचा की समस्या से सीधा हम रूखी त्वचा की दिक्कतों से दो-चार होने लगते हैं। कुछ लोगों को तो त्वचा में रूखेपन की वजह से स्किन एलर्जी या दाग-धब्बे भी उभर आते हैं। इस तरह के मौसमी बदलाव हमारे शरीर की देखभाल के नियमित उपायों में कोल्ड क्रीम को भी अहम हिस्सा बना देते हैं। ऐसे में जब हम अपने वॉर्डरोब को ठिठुराने वाली ठंड के लिए तैयार कर रहे हों, तब अपनी त्वचा को नर्म-मुलायम बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए।

अपनाएं ये तरीके….

क्रीम बेस्ड उत्पादों का करें इस्तेमाल

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हमें अपनी त्वचा पर इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों में भी बदलाव की जरूरत पड़ती है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है क्रीम-बेस्ड गाढ़े मॉयश्चराइजर का इस्तेमाल। तो अब अपने हल्के वॉटर-बेस्ड उत्पादों की जगह ले आएं गाढ़े उत्पाद। इसी तरह अब आपको अपनी त्वचा से मॉयस्चर हटाने के लिए पहले से हल्के और जेंटल फेसवॉश की जरूरत होगी, ताकि इससे त्वचा की प्राकृतिक नमी न खोए। सनस्क्रीन भी ऐसा लगाएं जिसमें मॉयस्चराइजर भी हो। जब चेहरे से मेकअप हटा रहे हों, तब भी मॉस्चराइजर युक्त क्लींज र ही इस्तेमाल करें। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है और रूखी है तो हड्ढलके और मॉयस्चराइिजंग साबुन का इस्तेमाल करें।

तेल की मालिश है बेस्ट

तेल से मसाज करने के लिए बोलने का मतलब यह नहीं कि आपको लंबे समय तक की जाने वाली परंपरागत मसाज की सलाह दी जा रही है। इसके लिए जब आप सोकर उठें तब सिर्फ15 मिनट का समय निकालें। तेल गुनगुना करें और पूरे शरीर पर इसे लगाएं। इसे चेहरे और सिर पर भी लगाएं। एक घंटा लगे रहने दें। इस बीच अपनी अन्य दिनचर्या जैसे कि अखबार पढना, नाश्ता बनाना या करना आदि काम निबटा लें। अब नहाकर पूरे दिन के लिए तैयार हो जाएं। अगर आप हफ्ते में दो दिन भी इस प्रक्रिया को करें तो त्वचा लंबे समय तक स्वस्थ रहेगी। इसका असर सिर्फ सर्दियों तक ही नहीं, इसके बाद भी आपको दिखेगा। मालिश के लिए नारियल का तेल सबसे बेहतर और आसानी से उपलब्ध है, जो त्वचा और शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है।

एक्सफोलिएट करें

चूंकि हम सर्दियों में रूखेपन से बचाव के लिए अपनी त्वचा पर ज्यादा क्रीम और तेल लगाते हैं, इसके चलते कई बार त्वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। इससे त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हर दस दिन में एक बार एक्सफोलिएट करें। त्वचा की मृत कोशिकाएं हटाने और इसे साफ करने के लिए कोई मृदु स्क्रब लें और हाथों को गोल-गोल घुमाते हुए लगाएं। महीने में एक बार भाप यानी स्टीम थेरेपी भी लें। इससे त्वचा मुलायम होगी, रोमछिद्र खुलेंगे, व्हाइट हेड्स और मुंहासे हट जाएंगे। ऐसी कोई भी प्रक्रिया जिससे त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं और मृत कोशिकाएं हटती हैं, त्वचा को पोषण देती है और नमी बनाए रखने में मददगार होती है।

पानी से करें प्यार

अकसर ठंडे, बर्फीले मौसम में हम पानी कम मात्रा में पीते हैं। इस वजह से भी हमारी त्वचा में डीहाइड्रेशन बढ़ जाता है और त्वचा रूखी हो जाती है। चूंकि हमें सर्दियों में पसीना नहीं आता है, प्यास लगने का एहसास भी नहीं होता है। लेकिन यह याद रखें कि प्यास नहीं महसूस होने का यह मतलब कतई नहीं होता है कि आपको पानी की जरूरत कम है। अगर आपको ठंडा पानी पीना अच्छा नहीं लगता है तो इसे गुनगुना करके इस्तेमाल करें। पानी एक बार गर्म करके थर्मस में रख सकती हैं। त्वचा की नमी बरकरार रखने और होठों को फटने से बचाने के लिए पानी बराबर पीते रहें।

करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल

सर्दी के मौसम में ज्यादा तीखी धूप नहीं निकल रही, इस कारण सनस्क्रीन का इस्तेमाल बंद न करें। सच तो यह है कि सर्दियों में हम धूप के संपर्क में ज्यादा देर तक रहना चाहते हैं, ऐसे में त्वचा को सूरज की खतरनाक किरणों से बचाने की ज्यादा जरूरत होती है। तेज धूप हो या हलकी, दोनों ही मामलों में यूवी किरणें खतरनाक साबित होती हैं। यहां तक कि ठंड के दिनों में भी।

पैरों की देखभाल

अकसर ठंड का सबसे निष्ठुर असर पैरों पर देखा जाता है। फटी एडियां, दुखते तलवे और सूजे व खुजलाते पैर, इस मौसम की कुछ आम परेशानियों में शामिल हैं। अकसर हम अपने चेहरे की देखभाल के लिए हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन पैर आमतौर पर अनदेखी का शिकार हो जाते हैं। हर रोज रात में सोने से पहले पैरों पर कोल्ड क्रीम या मॉयस्चराइजर लगाएं।

एडियों से रूखी और सख्त त्वचा को हटाने के लिए महीने में दो बार इसे एक्सफोलिएट करें। सर्दियों में ऊनी जुराबें पहनें। हालांकि कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जिन्हें पैरों में बहुत ही ज्यादा पसीना आने की समस्या होती है। यह एक तरह की बीमारी है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। ऐसे लोगों को सर्दियों में भी पसीना आता रहता है। ऐसे में बोटॉक्स ट्रीटमेंट फायदेमंद होता है। यह पैरों में पसीना आना कम करके इसे सूखा रखने के लिए जादुई उपचार की तरह काम करता है।

संतुलित आहार है जरूरी

आप अगर अंदर से स्वस्थ महसूस करेंगी तो बाहर से भी स्वस्थ दिखेंगे। यह कभी न भूलें कि अच्छी सेहत एक सेहतमंद शरीर से ही संभव है। सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए ऐसा आहार लें, जिसमें भरपूर मात्रा में विटमिन और खनिज तत्व शामिल हों। पर्याप्त फल और सब्िजयां खाएं। अपनी त्वचा और शरीर को भरपूर पोषण देने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार लें, जैसे कि मछली।

बालों की देखभाल

सर्दियां और सूखी हवाएं बालों की नमी चुराकर उन्हें रूखा बना देती हैं। बाल और सिर की त्वचा मौसम की परिस्थितियों के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। बालों की आम समस्याओं में शुष्क, रूखे बाल, डैंड्रफ, ड्राइ स्कैल्प और दोमुंहे बाल जैसी तकलीफें शामिल हैं।

ऑयल मसाज

बालों के रूखेपन से निपटने के लिए तेल से मसाज करें, जिससे इनमें दोबारा जान आ जाएगी और रूखे बालों व सिर की त्वचा को नमी मिलेगी। संभव हो तो रातभर बालों व सिर की त्वचा में तेल लगा रहने दें और सुबह शैंपू कर लें। ठंड के मौसम में तेल से नियमित मसाज काफी फायदेमंद होता है।

हेयर पैक्स

प्राकृतिक सामग्रियों से बने हेयर पैक्स लगाएं। जैसे दही, दूध, हिना, नीबू और नीम। यह बालों में रूसी और रूखापन हटाने व उन्हें मजबूत बनाने में मददगार होते हैं। सिंथेटिक हेयर पैक्स भी अच्छे रहेंगे और तुरंत लाभ भी देंगे।

रूखे बाल

ऐवोकैडा में प्राकृतिक तेल होता है, जो हलका होने के साथ नमीयुक्त भी रहता है, वैसे ही जैसे हमारी प्राकृतिक त्वचा से निकलने वाला तेल और प्रोटीन। यह रूखे बालों को नमी और चिकनाई प्रदान करता है। आधे एवोकैडो को मसल कर उससे साफ बालों में मसाज करें और 15 मिनट बाद पानी से धोएं। इसका इस्तेमाल हर दो सप्ताह में एक बार करें।

अंडे जर्दी में पर्याप्त फैटऔर प्रोटीन होता है और यह प्राकृतिक रूप से नमी प्रदान करने वाला होता है इसलिए सामान्य बालों के लिए, बालों को कंडिशन करने के लिए पूरा अंडा लगाएं। चिपचिपे बालों के लिए सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा उपयोग करें। रूखे और नाजुक बालों के लिए सिर्फ अंडे की जर्दी लगाएं। इसे 20 मिनट तक छोड़ दें और पानी से धोने के बाद बालों को शैंपू कर लें। यह इलाज महीने में एक बार करना चाहिए।

ऐसे करें ठंड से मुकाबला…

-भरपूर पानी पिएं

-अपने घर और कार्यस्थल को नमी युक्त बनाए रखें।

-अपनी त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए उपयुक्त क्रीम लगाएं। ठंड के मौसम में कोशिकाओं के उत्पन्न होने की प्रक्रिया तेज होती है।

-तेल आधारित मॉयस्चराइजर का इस्तेमाल करें।

-सनस्क्रीन

-दस्ताने एवं स्टॉकिंग्स

-ब्लोवर का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह त्वचा को सूखा बनाता है

इनपुट्स: डॉ. इंदु बल्लानी, त्वचा रोग विशेषज्ञ और ब्यूटी एक्सपर्ट, नई दिल्ली व डॉ. मोहन थॉमस, कॉस्मेटिक सर्जन, मुंबई।

सियासी मियार की रिपोर्ट