धूल उड़ने से रोकने के लिए मशीन से होगी सड़कों की सफाई..
नई दिल्ली। दिल्ली में पांच हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के जरिए साफ होंगी। इससे इन सड़कों पर सफाई के दौरान धूल को उड़ने से रोका जा सकेगा और लोगों को धूल प्रदूषण से राहत मिलेगी। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, दिल्ली के 13 विभागों ने अपने यहां धूल प्रबंधन समितियों का गठन कर दिया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता को खराब करने में धूल से होने वाले प्रदूषण की बड़ी भूमिका रहती है। इसमें भी सड़कों पर उड़ने वाली धूल लोगों के लिए परेशानी की बड़ी वजह है। धूल प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सड़कों का स्वामित्व, रखरखाव और निर्माण से जुड़ी संस्थाओं से धूल प्रबंधन समिति का गठन करने को कहा था, ताकि धूल को उड़ने से रोकने के उपाय किए जा सकें। आयोग के मुताबिक अब तक दिल्ली की 13 संस्थाओं व विभागों ने अपने यहां इस तरह की समिति का गठन कर लिया है। बाकी विभागों में भी इसकी प्रक्रिया चल रही है।
जाड़े से पहले सड़कों पर उतरेंगी मशीनें : आयोग के मुताबिक दिल्ली में सड़कों की कुल लंबाई 18 हजार 540 किलोमीटर के लगभग है। इसमें से पांच हजार 85 किलोमीटर लंबाई की सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के जरिए सफाई की जाएगी। इस काम के लिए 28 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों और 26 वाटर स्प्रिंकलर मशीनों की खरीद की जाएगी। आयोग के मुताबिक अक्तूबर से पहले इनकी खरीद और तैनाती का काम कर लिया जाएगा, ताकि जाड़े के समय लोगों को धूल के प्रदूषण से राहत दी जा सके।
हर दिन साफ 40 किलोमीटर तक सफाई आयोग ने बताया कि इस तरह की मशीनें एक दिन में 40 किलोमीटर सड़क की सफाई करती हैं। औसतन ये आठ घंटे की शिफ्ट में काम करती हैं। एक घंटे में पांच किलोमीटर की सड़क साफ होती है। इस तथ्य को ध्यान में रखने के लिए सड़कों के रख-रखाव और स्वामित्व से जुड़ी संस्थाओं को और मशीनों की खरीद करने को कहा गया है।
महीनेवार रिपोर्ट मांगी : दिल्ली में उड़ने वाली धूल की रोकथाम को लेकर उठाए जाने वाले कदमों की लगातार निगरानी की जाएगी। आयोग ने सभी विभागों से इस पर महीनेवार रिपोर्ट साझा करने को कहा है, ताकि इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की सही जानकारी जुटाई जा सके।
सियासी मीयार की रिपोर्ट