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लॉकर नहीं अब फाइलें संभालेगा डिजिटल लॉकर, जानिए इसके 8 फीचर

लॉकर नहीं अब फाइलें संभालेगा डिजिटल लॉकर, जानिए इसके 8 फीचर

कागज की बरबादी रोकने और डिजिटल स्पेस को बढ़ाने के लिए हालही में एक पहल हुई है। सरकार डिजटल लॉकर की सुविधा दिला रही है। अब आप कहेंगे की लॉकर के बारे में तो पता है मगर ये डिजटल लॉकर क्या है। चलिए हम आपको बताते हैं क्या है डिजटल लॉकर। यहां हम ऑनलाइन आपने जरूरी कागजों और डाक्यूमेंट को सेव कर सकते हैं। कई बार घर में या ऑॅफिस से इनके इधर-उधर होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में अगर इसे हम आॅनलाइन संरक्षित करते हैं तो हमारी चिंता कम हो जाती है। इतना ही नहीं कहीं से भी हम इसे निकाल सकते हैं और दूसरों से शेयर भी कर सकते हैं।

आधार होगा जरूरी

भारत सरकार की ओर मुहैया करायी जा रही इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। ऑनलाइन अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य है। कोई भी इस सुविधा से साइनअप कर सकता है। इसके लिए यूनिक आइडी यानि यूआईडी नंबर डालना होगा। यूआईडी नंबर डालने के बाद सिस्टम वन टाइम पासवर्ड यानी ओटीपी जनरेट करेगा। ये ओटीपी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर चला जाता है। इसके बाद वेबपेज पर दिए इंसटेªक्शन को फाॅलो करके आपका डिजटल लॉकर ओपन हो जाएगा। इससे न सिर्फ आपको सुविधा मिलेगी बल्कि कागज का इस्तेमाल भी कम होगा। इससे कहीं न कहीं पर्यावरण संरक्षण में भी मदद होगी।

सारे डॉक्यूरमेंट यहां

अब सवाल ये है कि यहां क्या-क्या सेव किया जा सकेगा। यहां पर सबकुछ सेव किया जा सकता है। लॉकर खुलने के बाद यहां पर पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, सरकारी डाक्यूमेंट को सहेज सकते हैं। यहां पर बिजली, पानी का बिल और फोन बिल को यहां रख सकते हैं। इसको यहां से खोने की टेंशन खत्म हो जाएगी।

मुफ्त मिलेगा स्पेस

गर्वमेंट की ओर से यहां पर 10 एमबी का स्पेस मिलता है। इसके बाद ये 1 जीबी तक बढ जाता है। ताकि आप ज्यादा से ज्यादा डाक्यूनमेंट यहां स्टोर कर सकें।

ऐसे मिलेगा डिजिटल लॉकर

इस डिजीटललाॅकर डाॅट जीओवी डाॅट ईनध्ईलाॅकर डाॅट जीओवी डाॅट ईन वेबसाइट पर जाकर यहां दाहिने तरफ दिए साइन अप ऑप्श न पर क्लिक करें। इसके बाद नया पेज खुलेगा, वहां पर अपना आधार नंबर डालें। आधार नंबर डालने के बाद यहां पर दो ऑप्श।न मिलेगा। पहला यूज ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड और दूसरा यूज फिंगर प्रिंट। ओटीपी सेलेक्ट करने के बाद पासवर्ड आधार नंबर के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर चली जाएगी। अब पासवर्ड डालकर वैलिडेट ओटीपी पर क्लिक करें। इसके बाद यूजर और पासवर्ड सेट करने की सेटिंग मिलेगी। वहां यूजर और पासवर्ड डालकर लॉगिन कर सकते हैं।

सोशल नेटवर्क से जुड़ें

डिजटल लॉकर को सोशल नेटवर्क से भी जोड़ा जा सकता है। फेसबुक और गूगल पेज पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

डॉक्यूमेंट हो ऐ

फाइल को सेव करते वक्त ये ध्यान रखें कि फाइल की साइज एक एमबी से ज्यादा न हो। इसके अलावा पीडीएफ, जेपीजी, जेपीईजी, पीएनजी, बीएमपी, और जिफ फाइल को अपलोड किया जा सकता है। पेपर लेकर घूमने की जरूरत नहीं डिजटल लॉकर होने से फाइल लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। इससे वैरिफाइड सर्टिफिकेट को आॅनलाइन शेयर किया जा सकेगा।

शेयर भी करें

यहां पर डाक्यूमेंट शेयर भी किया जा सकता है। शेयर करने के लिए शेयर लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद एक डायलॉग बॉक्सट खुलेगा। वहां पर जिसको डॉक्यू।मेंट भेजना है उसका ईमेल आईडी डालें और मेल या शेयर कर दें।

सैर-सपाटा

दिल्ली के आसपास के यह डेस्टिनेशन हैं वीकेंड के लिए परफेक्ट

हर हफ्ते काम की टेंशन, घर की टेंशन, टेंशन के ऊपर भी टेंशन पर क्या आप जानते हैं टेंशन से बचने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? नहीं जानते तो कोई बात नहीं हम आपको बताते हैं, कि हर हफ्ते की टेंशन से कैसे निजात पाई जाए। जी हां दोस्तों अगर आप भी साप्ताहिक भागम-भाग से थक चुके हैं और चाहते हैं कुछ आराम तो जाइए इन आकर्षण जगह पर जो दिल वालों के शहर दिल्ली से बस कुछ ही दूरी पर हैं। अपनी फैमिली, फ्रेंड्स या अपने पार्टनर के साथ आप वीकेंड को बना सकते हैं यादगार। यह हैं दिल्ली शहर के आस-पास के डेस्टिनेशंस जो हर तरह से हैं एकदम परफेक्ट, जहां आप अपनों के साथ खूब ढेर साड़ी मस्ती कर सकते हैं। तो देर किस बात की कर लीजिये तैयारी खुद को तरोताजा करने के लिए।

सैर करें दिल्ली के आस-पास के पर्यटन स्थल की…

मथुरा

भगवान कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा को अंनत प्रेम की भूमि कहा जाता है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण का बचपन और उनकी जवानी के कुछ दिन इसी ऐतिहासिक शहर में व्यतीत हुए हैं। जहां की गलियों में नंदलाल गोपियों संग खेले हैं। वीकेंड में आप मथुरा की सैर कर सकते हैं।

आगरा

मुगल काल में देश की राजधानी आगरा वर्तमान में देश की राजधानी दिल्ली से तकरीबन 200 किलोमीटर दूर है। जो अपने आलीशान ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। दुनिया का सातवां अजूबा कहा जाने वाला ताज महल इसी शहर की सर जमीं पर है। इतना ही नहीं यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल फतेहपुर सीकरी भी यहां शामिल है जो आगरा से कुछ ही दूरी पर है।

कुरुक्षेत्र

ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों से रचा कुरुक्षेत्र आज भी पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। जहां पर्यटक इतिहास के बहुत से पहलुओं से रूबरू होते हैं। कुरुक्षेत्र के नाम का अर्थ है धर्म का क्षेत्र। इसी भूमि में महाभारत का ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया था।

फतेहपुर सीकरी

उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में यह धरोहर स्थित है जिसे फतेहपुर सीकरी कहा जाता है। जहां से मुगल बादशाह अकबर ने बहुत से ऐतिहासिक फैसले लिए थे। 1571 और 1583 में 16 वीं सदी में अकबर द्वारा निर्मित की गई थी। जो मुगल संस्कृति और सभ्यता का प्रतिक है।

अलवर

अरावली की पथरीली चट्टानों में बसा यह ऐतिहासिक शहर अलवर राजस्थान के मुख्य आकर्षणों में से एक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार पांडवों ने इसी स्थल पर 13 वां साल भेष बदलकर बिताया था, जब उस समय अलवर मत्स्य देश के नाम से जाना जाता था। इतिहास में यह स्थान मेवाड़ के नाम से भी जाना जाता था। यहां आकर आप अलवर खूबसूरती को सही से देख सकते हैं यहां के किले, झीलें और यहां का अद्भुत दृश्य देखने योग्य होता है।

सियासी मियार की रिपोर्ट