राष्ट्रपति बोले, यूपी विधानमंडल में महिलाओं का अनुपात बढ़ाए जाने की जरूरत…

लखनऊ, 06 जून । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि विधानसभा में महिला सदस्यों की 47 है जो कि कुल सदस्यों 403 का 12 प्रतिशत है। वहीं, विधान परिषद में कुल 100 सदस्यों में महिलाओं की संख्या सिर्फ पांच है। इनके अनुपात बढ़ाए जाने की जरुरत है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों को संबोधित किया। कहा कि वर्तमान यूपी विधानमंडल में विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधित्व का दायरा व्यापक हुआ है। सदन में महिलाओं की संख्या 47 है लेकिन इतनी संख्या से संतोष नहीं करना चाहिए। यह कुल विधायकों की संख्या का 12 प्रतिशत है। विधान परिषद के 91 सदस्यों में केवल पांच महिलाएं हैं, जो कुल सदस्यों की साढ़े 5 प्रतिशत हैं। यह अनुपात बढ़ाए जाने की जरूरत है।
कोविंद ने कहा कि इतिहास के हर दौर में यूपी अग्रणी रहा है। भारत की संविधान सभा में सबसे ज्यादा सदस्य इसी राज्य के रहे। पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहर लाल नेहरू, जॉन मथाई, श्रीमती कमला चौधरी, महावीर त्यागी, पूर्णिमा बनर्जी जैसे लोगों ने देश निर्माण में अहम भूमिका निभाई। यूपी विधानमंडल के गलियारों में जहां आपका आना-जाना होता है, वहीं आपके यशस्वी पूर्ववर्ती लोग आते-जाते रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य से लोकसभा के लिए निर्वाचित सांसदों में से नौ प्रधानमंत्रियों ने अब तक देश को प्रतिनिधित्व दिया। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। इसके अलावा उन्होंने इसी सदन का हिस्सा रहे गोविंद वल्लभ पंत, चंद्रभानु गुप्त, संपूर्णानंद, कल्याण सिंह, मुलायम सिंह यादव और मायावती का भी जिक्र किया और प्रदेश का नेतृत्व करते हुए उनके योगदानों की प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने उम्मीद जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश आगे बढ़ेगा तो पूरे देश को विकास के लिए संबल मिलेगा। आशा करते हैं कि आज से 25 साल बाद जब आजादी के 100 साल का जश्न मनाया जाएगा तब उत्तर प्रदेश विकास में नंबर वन होगा और हमारा देश विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होगा।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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