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महिलाओं के खिलाफ हिंसा ‘बड़ा नासूर’ : गुतारेस..

महिलाओं के खिलाफ हिंसा ‘बड़ा नासूर’ : गुतारेस..

मुंबई, । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बुधवार को ‘बड़ा नासूर’ करार दिया और हर देश में इससे निपटने के लिए ‘आपातकालीन योजना’ बनाने का आह्वान किया।

गुतारेस ने यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बम्बई में विद्यार्थियों के साथ बातचीत में इस बात का भी उल्लेख किया कि सोशल मीडिया पर महिला कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को निशाना बनाया जाता है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अपने संगठन के भीतर लैंगिक समानता का लक्ष्य हासिल करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यही एक समस्या है जिसे मैं हल नहीं कर सका। कई लोगों का विचार है-और मैं इसका पूरा सम्मान करता हूं-(कि) संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पद पर एक महिला को होना चाहिए।’’

गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में शीर्ष प्रबंधन स्तर पर आधे से अधिक महिलाएं हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे अफगानिस्तान और इराक में राजनीतिक मामलों के विभाग प्रमुख और मिशन प्रमुख जैसे पदों पर काबिज हैं। गुतारेस ने कहा कि भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के देशों में लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह एक ‘नैतिक अनिवार्यता’ है और समृद्धि और स्थिरता के लिए एक गुणक भी। गुतारेस ने आगे कहा, ‘‘कोई भी समाज ‘महिलाओं, पुरुषों, लड़कियों और लड़कों के लिए समान अधिकारों और स्वतंत्रता’ के बिना अपनी पूरी क्षमता तक ऊंचाई नहीं पा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा… न केवल महत्वपूर्ण बात है, बल्कि यह एक आपात स्थिति है, क्योंकि चीजें बदतर हो रही हैं, बेहतर नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से लड़ने के लिए एक आपातकालीन योजना होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस एवं न्यायपालिका के प्रशिक्षण और यह सुनिश्चित करने जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए कि ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के संबंध में समाज में स्पष्ट जवाबदेही है’। गुतारेस ने कहा कि लैंगिक समानता का प्रश्न अनिवार्य रूप से शक्ति का प्रश्न है।

सियासी मीयार की रिपोर्ट