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वितरण कंपनियों की समस्या का एकमात्र समाधान निजीकरण नहीं: एनटीपीसी प्रमुख…

वितरण कंपनियों की समस्या का एकमात्र समाधान निजीकरण नहीं: एनटीपीसी प्रमुख…

नई दिल्ली,। एनटीपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश में बिजली वितरण कंपनियों के समक्ष जो समस्या है, उसका एकमात्र समाधान निजीकरण नहीं है और सार्वजनिक क्षेत्र की कई वितरण कंपनियां भी बेहतर तरीके से काम कर रही हैं और लाभ कमा रही हैं।

केंद्र सरकार वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिये कदम उठा रही है। लेकिन संविधान में बिजली के समवर्ती सूची में शामिल होने से, केंद्र सरकार केवल केंद्र शासित प्रदेशों में ही वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिये कदम उठा सकी है। गुजरात, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल समेत कुछ राज्यों ने बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया है।

केपीएमजी के ‘एनरिच’ 2022 कार्यक्रम में एक परिचर्चा में भाग लेते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या निजीकरण ही एकमात्र समाधान है। लेकिन इतना सही है कि यह एक समाधान है।’’

उन्होंने कहा कि निजी वितरण कंपनियां कुशलतापूर्वक काम कर रही हैं और लाभ अर्जित कर रही हैं। वहीं कुछ सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां भी अच्छा कर रही हैं और लाभ कमा रही हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘मैं वितरण कंपनियों से करीब से जुड़ा रहा हूं। समस्या का कोई एक समाधान नहीं है।’’

नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि और कोयला आधारित बिजलीघरों को धीरे-धीरे समाप्त करने के बारे में उन्होंने कहा कि कोयला बना रहेगा। एनटीपीसी गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिये हरसंभव कदम उठाती रहेगी।

सिंह ने कहा, ‘‘हमारी (एनटीपीसी) वृद्धि जारी रहेगी और यह नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में तेज होगी। लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि एनटीपीसी एक राष्ट्रीय कंपनी है। हमारी जिम्मेदारी सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने की है। इस रूपरेखा के तहत हमें देखना है कि कैसे हम साफ और हरित बिजली बना सकते हैं। मुझे लगता है कि यह एकमात्र मंत्र है, जो हमें दिशानिर्देश देता है।’’

उन्होंने कहा कि एनटीपीसी अभी भी देश में एक- चौथाई बिजली की आपूर्ति कर रही है।

सिंह ने कहा, ‘‘मैं अपनी टीम को बताता रहता हूं… कि हम आपूर्ति को लेकर नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में कैसे ऊपर जा सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोयला आधारित संयंत्रों को बंद करने जा रहे हैं।’’

एनटीपीसी प्रमुख ने यह भी कहा कि उन्हें यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि कोयला आधारित संयंत्र को बंद करना अभी दूर की बात है।

सियासी मियार की रिपोर्ट…