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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था ने सूडान में मानवाधिकार उल्लंघन पर प्रस्ताव पारित किया..

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था ने सूडान में मानवाधिकार उल्लंघन पर प्रस्ताव पारित किया..

जिनेवा, 12 मई। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार संस्था ने सूडान में पिछले एक महीने से दो शीर्ष जनरल के बीच जारी संघर्ष के बाद से अफ्रीकी देश में नागरिकों की मौत के बढ़ते मामलों और मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को एक प्रस्ताव पारित किया।

सूडान में हिंसा के कारण नागरिकों समेत अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। यह संघर्ष अशांत दारफुर प्रांत समेत अन्य क्षेत्रों तक भी फैल चुका है।

संयुक्त मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य देश हैं और इस प्रस्ताव के पक्ष में 18 देशों ने वोट किया जबकि 15 देश इसके खिलाफ रहे और 14 अन्य देशों ने मतदान से परहेज किया। इस प्रस्ताव का उद्देश्य सूडान में 15 अप्रैल के बाद से जारी मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की पड़ताल करना है।

सूडान की सेना के जनरल अब्देल फतह बुरहान और अर्द्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेस (आरएसएफ) की कमान संभालने वाले जनरल मोहम्मद हमदान डगालो के बीच सत्ता संघर्ष के नतीजतन देश में संघर्ष शुरू हुआ था।

अरब और सूडान समेत अफ्रीकी देशों ने संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव का विरोध किया और इसे सऊदी अरब में जारी वार्ता के मध्य एक संभावित बाधक बताया।

अधिकांश पश्चिमी देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया और यूरोप एवं अमेरिका मसौदा प्रस्ताव के सह-प्रायोजक थे।

दिन के आखिर में अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की कि दोनों सेनाओं के प्रतिनिधियों ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करते हुए ‘‘नागरिकों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के वास्ते मानवीय कार्रवाई विधाजनक बनाने के लिए’’ अपनी जिम्मेदारियों को समझा है।’’

बयान में कहा गया है कि वार्ता अब मानवाधिकार प्रयासों में ‘‘मदद के लिए तकरीबन 10 दिन तक एक प्रभावी संघर्ष विराम’’ स्थापनित करने पर केंद्रित रहेगी।]

सियासी मियार की रिपोर्ट