मां क्यों तूने मुझे रोका?

मां क्यों तूने मेरी उड़ान को
घर की चारदीवारी में कैद करके रखा?
क्यों तूने शाम चार बजे के बाद
घर से बाहर जाने से रोका?
क्यों तूने सपनों को पंख लगाने से रोका?
इन हैवानों के डर से
मेरी इच्छा को तोड़ा?
एक बार मुझे भी कदम तो उठाने देती,
शैतानों को नारी शक्ति का एहसास कराने देती,
मैं नारी हूँ, शक्ति का स्वरूप हूँ,
जीवनदायिनी हूँ, पुरुषों पर अकेली भारी हूँ,
इनको एक पल में समझाने तो देती।।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal