Monday , September 23 2024

अंधेर…

अंधेर…

अंधेरा एक उपेक्षित
तिरस्कृत, आलोचित पक्ष
लेकिन, क्या……
अंधेरे की गहनता को
शीतलता को,
अपूर्व प्रभाव को
अनूठी शान्ति को
तुमने कभी परचा है,
परखा है?
जब वह बिखेरता है
मखमली, निस्तब्ध
इन्द्रजाल सी खामोशी
तो चीखती-चिल्लाती दुनियाय
एकाएक सो जाती है,
तनाव मुक्त हो जाती है!
अस्वस्थदृस्वस्थ,
अमीर-गरीब,
राजा-रंक सभी को
बिना भेद भाव के
निद्रा की चादर ओढ़ा
शान्त बना देता है,
यह अंधेरा………..!
कैसा मानवतावादी,
कैसा समाजवादी,
यह अंधेरा…………!
भ्रष्टाचार, प्रदूषण, अशान्ति
सब ठहर जाते हैं,
कितना प्रभावशाली,
कितना शक्तिशाली,
किन्तु निरा अस्थायी……..!!

सियासी मियार की रिपोर्ट