प्यार कभी मरता नहीं है
-कुलदीप ठाकुर-

प्यार कभी मरता नहीं, जीवित रहता है, मरने के बाद भी
प्यार तन से नहीं होता, प्रेम प्यास है आत्मा की।
शायद इस दुखयारी की, आस्था नहीं है भगवान में,
नित्य पूजा की थाली लेकर, जाती है शमशान में।
वृक्ष के नीचे पूजा करके, दीपक वहाँ जलाती है,
फिर नैनों के जल से उस दीपक को बुझाती है,
जाते हुए कुछ सूखे फूल, बिखेरती उस स्थान में।
नित्य पूजा की थाली लेकर, जाती है शमशान में।
उस के जाने के बाद वहां कोई, रोता हुआ आता है,
उन सूखे हुए फूलों को, सीने से लगाता है।
फिर बुझा हुआ दीपक जलाकर, उड़ जाता है आसमान में,
सियासी मियार की रीपोर्ट
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