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भारत में बाजार पहुंच में सुधार हुआ : यूएसटीआर..

भारत में बाजार पहुंच में सुधार हुआ : यूएसटीआर..

वाशिंगटन, 18 अप्रैल। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई ने कहा कि भारत ने अमेरिकी कृषि उद्योग के लिए 12 अलग-अलग श्रेणियों में अपना बाजार खोल दिया है।

अमेरिकी वित्त समिति द्वारा व्यापार पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान कुछ प्रभावशाली सांसदों के विदेशी देशों द्वारा अनुचित प्रथाओं का मुद्दा उठाने के बाद ताई ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की नीतियों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन ने पिछले तीन वर्षों में 21 अरब अमेरिकी डॉलर की बाजार पहुंच सुनिश्चित की है।

ताई ने बुधवार को कहा, ‘‘इसमें भारत के साथ 12 शुल्क श्रेणियां शामिल हैं। भारत एक बढ़ता बाजार है जहां अमेरिकी निर्यातकों के लिए कई अवसर हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘हम कड़ी मेहनत करने वाले अमेरिकी परिवारों तथा समुदायों, खासकर हमारे ग्रामीण समुदायों के लिए बाजार खोल रहे हैं।”

ताई ने कहा, ‘‘मिसाल के तौर पर अमेरिका और भारत द्वारा सात डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) विवादों का निपटान करने के बाद भारत कई अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक शुल्क हटाने पर सहमत हुआ। इसका मतलब है कि चना, दाल, बादाम, अखरोट और सेब तक पहुंच में सुधार होगा। इससे मिशिगन, ओरेगन, कैलिफोर्निया और वाशिंगटन सहित हमारे देश भर के किसानों को लाभ होगा।”

उन्होंने कहा, ”व्यापार सभी अमेरिकियों के लिए होना चाहिए। हमारा लक्ष्य हमारी व्यापार नीति में अमेरिकियों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना बंद करना है और यही कारण है कि हम व्यापार नीति निर्धारण में अधिक प्रतिनिधित्व शामिल करने के लिए अभूतपूर्व कदम उठा रहे हैं।”

ताई ने कहा कि व्यापार नियमों को लागू करना इस वर्ष प्रशासन के लिए प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा, ”हम अमेरिकी श्रमिकों तथा व्यवसायों के लिए समान अवसर प्रदान करना जारी रखेंगे। हम अपने व्यापार समझौतों को सख्ती से लागू कर रहे हैं, अमेरिकी नौकरियों की रक्षा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अधिक से अधिक लोग व्यापार का लाभ उठाएं।”

भारतीय झींगा उद्योग में जबरन मजदूरी के एक व्हिसलब्लोअर के आरोपों पर सांसद बिल कैसिडी के सवाल पर ताई ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष के साथ इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई आसान बातचीत नहीं है। हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।”

भारत ने झींगा उद्योग में खराब कामकाजी परिस्थितियों तथा सुरक्षा मानकों के आरोपों को खारिज किया है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारत की 548 समुद्री भोजन इकाइयों का विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण किया जाता है।

कैसिडी ने भारत द्वारा चावल सब्सिडी दिए जाने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे चावल उद्योग से जुड़े लोगों की भी चिंता है, जो कहते हैं कि अगर चावल पर भारतीय सब्सिडी नहीं होती, तो उनका निर्यात करीब 85 करोड़ अमेरिकी डॉलर अधिक होता।”

वित्त पर सीनेट समिति के अध्यक्ष चेयरमैन रॉन विडेन ने आरोप लगाया था कि भारत की गेहूं सब्सिडी कीमतों को प्रभावित कर रही है और सीधे अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापार कानूनों का कोई फायदा नहीं है, अगर उन्हें लागू न किया जाए।

विडेन ने कहा, ”यूएसटी

आर अधिकार क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकता है। चाहे वह व्यापार भागीदारों के साथ सीधे मुद्दे उठाना हो, विवाद निपटान शुरू करना हो, या अनुचित व्यापार प्रथाओं में 301 जांच शुरू करना हो।” उन्होंने कहा, ‘‘व्यापार धोखाधड़ी करने वालों की जवाबदेही तय करना और अमेरिकी श्रमिकों तथा व्यवसायों के लिए समान अवसर उत्पन्न करने का यही एकमात्र तरीका है।”

सियासी मियार की रीपोर्ट