केरल के स्कूली पाठ्यक्रम में कृत्रिम बुद्धिमता शामिल.

तिरुवनंतपुरम, । केरल ने शिक्षा को आधुनिक बनाने की कोशिश में कृत्रिम बुद्धिमता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है।
राज्य ने कक्षा सातवी के छात्रों के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पाठ्यक्रम के भीतर एआई लर्निंग मॉड्यूल शुरू करने की योजना का अनावरण किया है।
केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) द्वारा बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पहल से पूरे केरल में चार लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे, जिन्हें अब आगामी शैक्षणिक वर्ष में एआई के क्षेत्र में जाने का अवसर मिलेगा।
केआईटीई के मु्ख्य कार्यपालक अधिकारी अनवर सादथ ने कहा कि ‘कंप्यूटर विजन’ अध्याय में छात्रों को प्रायोगिक कार्य के रुप में अपना एआई कार्यक्रम बनाना शामिल होगा।
राज्य में तीन जून से शुरु हो रहे शैक्षणिक सत्र में मलयालम, अंग्रेजी, तमिल और कन्नड़ माध्यमों में कक्षा 1,3,5 और 7 के लिए नई पाठ्यपुस्तकें शामिल होंगी।
सदथ ने कहा कि नये पाठ्यक्रम में प्राथमिक स्तर के लिए आईसीटी पाठ्यपुस्तकों में तार्किक सोच और प्रोग्रामिंग कौशल के विकास पर विशेष जोर दिया गया है।
छात्रों को प्रोग्रामिंग, एआई, रोबोटिक्स आदि का अभ्यास कराने के लिए पाठ्यक्रम में ‘पिक्टोब्लॉक्स’ पैकेज, ‘स्क्रैच’ सॉफ्टवेयर आदि शामिल किया गया है।
सामान्य शिक्षा विभाग की प्रौद्योगिकी शाखा केआईटीई, स्कूलों के लैपटॉप में कृत्रिम बुद्धिमता की ट्रेनिंग देने के लिए सभी आवश्यक सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगी।
नये आईसीटी पाठ्यक्रमो में छात्रों को ट्राफिक नियम और कचरे के निपाटन के विषय में जानकारी देने के लिए गेमिंग मोड में सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।
आईसीटी पाठ्यपुस्तक समिति के अध्यक्ष सादथ ने कहा कि नये बदलाव छात्रो को साईबर सुरक्षा और गलत समाचारों को पहचानने की सीख देंगे।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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