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बाल कथा: कम्प्यूटर ने पढ़ाया टीना को पाठ..

बाल कथा: कम्प्यूटर ने पढ़ाया टीना को पाठ..

-अमृता गोस्वामी-

टीना छठवीं क्लास में आ गई थी। पढ़ाई-लिखाई में तो वह बहुत होशियार पर उसकी एक आदत आज तक नहीं बदली थी, यह कि वह अपनी पुरानी हो गई बहुत सी अनावश्यक चीजों न तो खुद ही अपने पास से हटाती थी और न ही किसी को हटाने देती थी। टीना के पास पुराने खिलौनों का भण्डार था जिनमें बहुत से तो टूटे-फूटे भी थे। टीना की मां कई बार टीना को समझा चुकी थी कि वह अपने टूटे-फूटे खिलौनों को हटाकर अपना टॉय बॉक्स सेट रखे पर टीना इस बारे में किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थी।

स्कूल के मामले में भी टीना का यही हाल था, उसका पेन बॉक्स और स्कूल बैग एकदम ओवर लोडेड रहते थे। टीना के स्कूल बैग में उसके कई पुराने पेन, पेन्सिल, रिबन, कागज, इरेजर, फेविकोल की खाली बॉटल आदि ऐसी चीजें पड़ी थीं जो अब उसके किसी उपयोग की नहीं थीं। अपनी पुरानी चीजों को न हटाने की आदत के चलते टीना को एक भारी बैग लेकर स्कूल जाना पड़ता था। टीना को भारी बैग उठाना तो बुरा नहीं लगता था पर, कोई उससे बैग से अनावश्यक चीजें हटाने को कहे यह उसे कतई पसंद न था। टीना का स्कूल बैग खचाखच भरे होने के कारण टीना को अक्सर एग्जाम देते समय अथवा स्कूल में काम करने के लिए सही कॉपी-किताबें, पेन अथवा इरेजर आदि ढूंढने में बहुत समय लग जाता था और इसके कारण उसे अपनी टीचर से डांट भी खानी पड़ती थी।

एक दिन की बात है टीना के पापा घर पर कम्प्यूटर पर काम कर रहे थे तब टीना भी आकर उनके पास बैठ गई। टीना ने देखा कि उसके पापा ने जैसे ही काम करने के लिए कम्प्यूटर पर कोई सॉफ्टवेयर रन किया कम्प्यूटर पर मैसेज उभरा- यू आर रनिंग आउट ऑफ डिस्क स्पेस ऑन लोकल डिस्क सी- टू फ्री स्पेस ऑन दिस ड्राइव बॉय डिलीटिंग ओल्ड ऑर अननेसेसरी फाइल्स। प्लीज क्लिक हियर।

टीना के पापा ने मैसेज पर ध्यान नहीं दिया और वे उस मैसेज की विंडो को बंद कर पुनः काम करने का प्रयत्न करने लगे। कम्प्यूटर अब भी बहुत ही धीमी गति से कार्य कर रहा था। टीना के पापा ने अभी एक दो शब्द ही टाइप करें होंगे कि कम्प्यूटर स्क्रीन पर पुनः मैसेज उभरा-यू आर रनिंग आउट ऑफ डिस्क स्पेस।

अबकी बार भी टीना के पापा ने मैसेज को बिना देखे बंद कर दिया और माउस को टेबल पर जोर से रखते हुए फिर काम करने की कोशिश करने लगे। अब कम्प्यूटर पर वह सॉफ्टवेयर जिस पर टीना के पापा काम कर रहे थे, काम करते-करते अपने आप ही बंद होना शुरू हो गया और यदि उसे वापस ओपन किया जाता तो एक मिनट बाद ही वह वापस बंद हो जाता।

टीना अपने पापा को यह सब देख रही थी और उसने कम्पयूटर स्क्रीन पर बार-बार आ रहे मैसेज को पढ़ भी लिया था, उसे पापा की प्रॉब्लम समझ में आ रही थी। टीना पापा को परेशान होते देख बोली-पापा! कम्प्यूटर काम नहीं कर रहा क्योंकि इसकी मैमरी फुल हो चुकी है, इसमें उतनी जगह है ही नहीं है जितनी की इसमें सॉफ्टवेयर और फाइल्स भरे पड़े हैं। इतनी सारी फाइल्स के बीच कम्पयूटर को आपकी कोई भी फाइल खोजने अथवा कोई नया सॉफ्टवेयर रन कर पाने में दिक्कत आ रही है।

टीना के पापा बोले- पर, इसमें पड़ी फाइल्स को हम क्यों हटाएं? टीना बोली- पापा, इसमें हमारी काम की फाइल्स के अलावा भी बहुत सारी ऐसी फाइल्स इक्ट्ठी हो चुकी हैं जिन्हें हम बरसों से उपयोग में नहीं ले रहे, ये अब हमारे कोई काम की नहीं हैं और इनके कारण ही हमारा कम्पयूटर आगे काम कर पाने में समय ले रहा है।

टीना की बात सुनकर टीना के पापा ने कम्पयूटर पर बार-बार आ रहे चेतावनी मैसेज को ध्यान से पढ़ा और उसके इंस्ट्रक्शन्स को फॉलो करते हुए अपने कम्प्यूटर से बहुत सी अनुपयोगी फाइल्स तथा कुछ अनुपयोगी सॉफ्टवेयर्स को डिलीट कर दिया। टीना और उसके पापा ने देखा कि अब उनके कम्प्यूटर में सी ड्राइव पर काफी स्पेस नजर आ रहा था। एक बार रीस्टार्ट करने पर उनका कम्प्यूटर अब पुनः तेज गति से काम करने लगा था। इसके बाद टीना के पापा ने अपना काम जल्दी-जल्दी निपटा लिया और टीना को उसकी महत्वपूर्ण सलाह के लिए शाबाशी दी।

कम्प्यूटर पर अनावश्यक फाइल्स व सॉफ्टवेयर के होने के कारण उसकी गति को प्रभावित होते देख टीना को स्कूल में अपने समय से काम न कर पाने पर टीचर द्वारा खाई हुई डांट याद आ गई, टीना समझ गई कि इतनी होशियार होते हुए भी वह अपना काम समय पर क्यों नहीं निपटा पाती।

कम्पयूटर के सिखाए पाठ से टीना तुरंत ही और अपने स्कूल बैग, टॉय बॉक्स तथा अलमारी से अपनी अनावश्यक चीजें हटा कर अपनी मम्मी को देते हुए बोली-मम्मी! ये सब चीजें मेरे काम की नहीं हैं, इनमें से अनुपयोगी चीजों को हटाया जा सकता है और यदि कोई चीज किसी और के काम आने लायक हो तो उसे उस जरूरत मंद को दे दीजिएगा।

टीना के बदले हुए व्यवहार से टीना की मम्मी चकित थीं। टीना में बदलाव कैसे आया यह बात तो टीना की मम्मी की समझ में नहीं आई थी पर, वे इतना जरूर समझ गईं थीं कि टीना को अब वह सब समझ आ चुका है जिसे वे इतने दिनों से उसे समझाने की कोशिश कर रहीं थीं।

इसके बाद टीना ने फिर कभी अनावश्यक चीजों का अपने पास ढेर इक्ट्ठा करने की गलती नहीं की जिसके कारण अब टीना न सिर्फ अपने आवश्यक काम ही समय पर निपटा पाती थी बल्कि नये काम करने के लिए भी उसके पास समय बच जाता था।

सियासी मियार की रीपोर्ट