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थायराइड को जड़ से करना है खत्म तो रोजाना करें ये 5 योगासन..

थायराइड को जड़ से करना है खत्म तो रोजाना करें ये 5 योगासन..

थायराइड एक हार्मोनल डिसऑर्डर है इस हार्मोन के घटने और बढ़ने से शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती है। थायराइड हार्मोन के असंतुलित होने पर शरीर के कई हिस्सों में दर्द होने लगता है। यदि सही समय पर इसका इलाज ना किया जाए तो यह परेशानी काफी बढ़ सकती है।

इसके अलावा इसका असर स्किन और बालों पर भी पड़ता है। यहां तक कि महिलाओं के पीरियड्स साइकिल को भी यह प्रभावित करता है। दरअसल थायराइड हमारे गले के सामने एक छोटे आकार की ग्रंथि होती है जो हार्मोन बनाने का काम करती है।

थायराइड मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं हाइपोथायराइड और हाइपरथायराइड। यदि आपके शरीर में भी इसका थायराइड का स्तर बढ़ा हुआ है तो आप कुछ ऐसे योगासन कर सकते हैं जिनकी मदद से आपका थायराइड लेवल नॉर्मल हो सकता है।

सर्वांगनसन
एनसीबीआई के अनुसार योग के कई फायदे होते है। सर्वांगनसन करने से थायराइड ग्रंथि एक्टिव होती है और इसमें ठीक तरह से ब्लड फ्लो होता है। सर्वांगनसन के और भी कई फायदे होते हैं। इससे चिंता और अवसाद कम होता है साथ ही अच्छी नींद भी आती है। इससे हृदय से जुड़ी बीमारियों का भी रिस्क कम होता है। यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। सर्वांगनसन से स्किन हेल्थ भी अच्छी रहती है। इससे त्वचा में निखार आता है और झुर्रियों की समस्या कम होती है।

विपरीत करनी आसन

विपरीत करनी आसान थायराइड ग्रंथियों को एक्टिव करता है और उनकी एक्टिविटी को कंट्रोल करने में मदद करता है। इससे गर्दन और मस्तिष्क में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। विपरीत करनी आसान से अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है। कमर दर्द और घुटनों के दर्द से भी राहत पाने के लिए यह योगासन किया जा सकता है।

सेतुबंधासन

इस योगासन से थायराइड के लक्षण कम होते हैं और यह रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है। इससे मस्तिष्क शांत रहता है और नींद से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती है। अगर आप अपना वेट लॉस कर रहे हैं तो यह योगासन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा। इससे बैली फैट कम करने में मदद मिल सकती है। इस योगासन से पाचन में भी सुधार आता है। पीठ और रीड की हड्डी को भी मजबूत बनाने के लिए यह योगासन किया जा सकता है। हालांकि लेट प्रेगनेंसी में इस योगासन को करने से बचना चाहिए।

हलासन

हलासन थाइरॉएड फंक्शन को उत्तेजित करता है और पीठ को मजबूत बनाता है। हाइपरथायरायडिज्म में यह योगासन करना बहुत ही लाभदायक रहता है, लेकिन हाइपोथायराइड में इसे करने से बचना चाहिए क्योंकि यह हार्मोन के स्त्राव को बढ़ा देता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह योगासन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।

शवासन

यह योगासन हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह थायराइड के लक्षणों को कम करता है। इसके अलावा इससे ब्लड प्रेशर लेवल को भी कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इस योगासन से एकाग्रता और याददाश्त बढ़ती है। इस योगासन को करने से शरीर रिलैक्स रहता है और एनर्जी लेवल में भी इजाफा होता है।

(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।)

सियासी मियार की रीपोर्ट