अमेरिकी सांसदों ने न्यूयार्क में मंदिर के संकेतक बोर्ड को विरूपित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की…

वाशिंगटन, 19 सितंबर । न्यूयार्क में एक मंदिर के बाहर लगे संकेतक बोर्ड को विरुपित किए जाने की घटना को लेकर अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने नाराजगी व्यक्त की है। यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से कुछ दिन पहले हुई है।
न्यूयार्क के मेलविले में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की ओर जाने वाली सड़क और उसके बाहर लगे संकेतक बोर्ड को सोमवार को पेंट से विरुपित कर दिया गया और आपत्तिजनक शब्द लिखे गए।
लॉन्ग आइलैंड के सफोल्क काउंटी में स्थित मेलविले 16 हजार सीट वाले ‘नासाऊ वेटरन्स मेमोरियल कोलिजियम’ से लगभग 28 किलोमीटर दूर है, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 सितंबर को एक सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं।
सीनेट के बहुमत के नेता सीनेटर चक शूमर ने कहा, ‘‘इस हिंदू पूजा स्थल का अपमान निंदनीय है। लॉन्ग आइलैंड या न्यूयार्क या फिर पूरे अमेरिका में कहीं भी नफरत के लिए कोई जगह नहीं है।’’
सांसद रिच मैककॉर्मिक ने कहा, ‘‘मैं मेलविले, न्यूयॉर्क में बीएपीएस मंदिर के अपमान से बहुत दुखी हूं। बर्बरता का यह कृत्य हिंदुओं के खिलाफ नफरत भड़काने का एक स्पष्ट प्रयास है और हमारे देश में इसका कोई स्थान नहीं है…।’’
सांसद एंडी किम ने कहा, ‘‘न्यूयार्क के मेलविले में बीएपीएस हिंदू मंदिर को विरुपित करने का कृत्य दुखद है। इस तरह के कृत्य को स्वीकार नहीं किया जाएगा और मैं हमारे हिंदू समुदाय से पूरी दृढ़ता एवं शांति से इसका सामना करने की अपील करता हूं।’’
सांसद ब्रैड शरमन ने कहा कि मंदिर को विरुपति करना न केवल हिंदू समुदाय के खिलाफ घिनौना कृत्य है, बल्कि ‘‘धार्मिक बहुलवाद के हमारे साझा मूल्य पर अन्यायपूर्ण हमला’’ भी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हिंदू अमेरिकियों के साथ खड़ा हूं।’’
सांसद निक लालाटो ने कहा, ‘‘हमारे समुदाय में नफरत के लिए कोई स्थान नहीं है।’’
‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन’ ने न्याय विभाग से इस घटना की जांच का आग्रह किया है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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