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पुस्तक-समीक्षा: आम आदमी के मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती पुस्तक ‘तेरे मेरे इर्द गिर्द’

पुस्तक-समीक्षा: आम आदमी के मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती पुस्तक ‘तेरे मेरे इर्द गिर्द’….

आम आदमी के मुद्दों का प्रतिनिधित्व करती पुस्तक ‘तेरे मेरे इर्द गिर्द’ पुस्तक वर्तमान समय के कुछ प्रमुख मुद्दों पर विचारों की एक श्रृंखला है। इस पुस्तक में कुछ समसामयिक मुद्दों पर विचार को आलेख के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में लेखक ने आम आदमी से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर चिंतन मनन किया है। यह सभी मुद्दे आम आदमी के जीवन यापन को प्रभावित करते हैं। लेखक ने इस पुस्तक में अपने विचारों के माध्यम से कहा है कि आज तकनीक के इस दौर में हम सिर्फ़ अपनी भौतिक सुख सुविधाओं की पूर्ति पर ही ध्यान न दें बल्कि साथ साथ ही साथ मानवीय चेतना के विकास पर भी अमल करें।

पुस्तक में लेखक ने जहाँ एक ओर नागरिकों से समाज के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करने की बात कही है तो वहीं दूसरी ओर सरकार एवं समाज से भी निवेदन किया है कि आम आदमी को उसके अधिकारों से वंचित न रखा जाए। वर्तमान में कौन सी खबर कितनी सच है यह तय कर पाना भी एक कठिन कार्य हो गया है। फेक न्यूज का जाल अपने पाँव पसार रहा है; लेखक ने पाठकों से यह अपील की है की वह फेक न्यूज से सतर्क रहें और किसी भी खबर को आगे बढ़ाने से पहले उसकी पुष्टि करें। आज डिजिटल युग में प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर प्रत्येक कक्षा के हर विषय से सम्बंधित ई-बुक एवं नोट्स, वीडियो लेक्चर सभी कुछ इंटरनेट पर उपलब्ध है। जिस वजह से अब छात्र पुस्तकों से भी अपनी दुरी बनाने लगे हैं।

पुस्तक में लेखक ने छात्रों द्वारा पुस्तकें न पढ़ने अथवा कम पढ़ने के दूरगामी प्रभावों के बारे में भी बताया है। इस पुस्तक के आलेख में लेखक ने जहाँ एक ओर मुफलिसी में गुजर बसर कर रहे किसान, मजदूर के संघर्ष एवं उसकी सिसकियों को उजागर किया है तो वहीं दूसरी ओर प्राइवेट शिक्षक की पीड़ा को भी बताया गया है। पुस्तक में कुछ अन्य मुद्दे जैसे रोजगार, कमजोर पड़ती पत्रकारिता, बढ़ता हुआ निजीकरण एव उसके परिणाम, मतदाता के तौर पर भारतीय नागरिक, नैतिक मूल्यों का हनन, महंगी शिक्षा मानवीय चेतना के विकास के महत्व, तकनीकी शिक्षा, सोसल मीडिया आदि पर एवं कुछ अन्य विषयो पर आदि पर आलेख के माध्यम से रौशनी डाली गई है।

जब आप इस पुस्तक को पढ़ेंगे तो आप पाएंगे कि यह सभी मुद्दे आपसे जुड़े हैं और आपके इर्द गिर्द ही हैं। जिनका हल कही न कहीं आप भी ढूंढ रहे हैं या ढूंढ़ना चाहते हैं। एक स्वस्थ समाज एवं स्वस्थ जीवन शैली के लिए इन सभी मुद्दों पर चिंतन मनन करने की ज़रूरत है। इनका उचित समाधान ढूंढ़कर समाधान की दिशा में उपयोगी कदम उठाने की ज़रूरत है। लेखक ने साधारण भाषा में रोचक तरीके से सभी मुद्दों पर लिखा है।

लेखक – मनोज कुमार
प्रकाशन – प्रखर गूंज पब्लिकेशन
वर्ष – 2024
मूल्य – 250

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