Sunday , November 23 2025

कविता : माँ की ममता

कविता : माँ की ममता

-अशोक मिश्र-

आंचल के भीतर
हाथ-पैर पटकता
एक बच्चा।
दूध पीता
अठखेलियां करता
एक बच्चा।
उँघता है
नींद में समाता है
एक बच्चा।
जब माँ की ममता
नींद बनती है और
बच्चों के रगों में उतरती है।

सियासी मियार की रीपोर्ट