कविता : माँ की ममता SiyasiM September 27, 2024 5 Views कविता : माँ की ममता -अशोक मिश्र- आंचल के भीतरहाथ-पैर पटकताएक बच्चा।दूध पीताअठखेलियां करताएक बच्चा।उँघता हैनींद में समाता हैएक बच्चा।जब माँ की ममतानींद बनती है औरबच्चों के रगों में उतरती है। सियासी मियार की रीपोर्ट 2024-09-27 SiyasiM