विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित…

नई दिल्ली, 12 अगस्त । बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को वापस लेने और चुनावों में मतों की चोरी करने के आरोप लगाते हुए लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दी गयी।
एक बार स्थगन के बाद बारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 124(4) के तहत जज के पद से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश किया और तीन सदस्यों की समिति गठित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने के बाद न्यायाधीश यशवंत वर्मा को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने हंगामे के बीच जरूरी कागजात सभा पटल पर रखवाये। उन्होंने सदस्यों से शून्य काल चलाने का आग्रह किया। पीठासीन अधिकारी के आग्रह के बावजूद हंगामा तेज हो गया जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी गयी।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे श्री बिरला के प्रश्न काल शुरू कराते ही विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर प्रक्रिया वापस लेने और मतों की चोरी के आरोप लगाते हुये हंगामा करने लगे। कई सदस्य तख्तियां लिये थे, जिन पर एसआईआर के विरोध और मतों के चोरी को लेकर नारे लिखे हुए थे। कुछ सदस्य ऐसे ही नारे लिखी हुई टी-शर्ट भी पहने हुए थे। बड़ी संख्या में सदस्य सदन के बीचों बीच भी आकर शोरगुल और नारेबाजी कर रहे थे।
श्री बिरला ने शोरशराबे के बीच ही प्रश्न पूछने के लिए सदस्यों के नाम पुकारे और कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने जवाब भी दिया, लेकिन शोरशराबे में कुछ सुनाई नहीं दिया।
हंगामा बढ़ते देख श्री बिरला ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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