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उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष फंसाएगा पेंच, आसान नहीं होगी सीपी राधाकृष्णन और एनडीए की राह..

उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष फंसाएगा पेंच, आसान नहीं होगी सीपी राधाकृष्णन और एनडीए की राह..

नई दिल्ली, 19 अगस्त । एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन 20 अगस्त को नामांकन करेंगे। उम्मीद है कि शाम तक विपक्ष के साझा उम्मीदवार का नाम सामने आ जाएगा। तिरुचि सिवा के मुताबिक, विपक्ष में उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर कोई भ्रम नहीं है। कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि बस दो दिन की बात है। थोड़ा इंतजार कर लीजिए। यह चुनाव बहुत रोचक होने जा रहा है।

शाह ने की रणनीतिक चर्चा
अभी विपक्ष को अपने उम्मीदवार की घोषणा करनी है। दूसरी तरफ सत्ता पक्ष ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुहिम को आगे बढ़ाते हुए डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर समर्थन के बाबत चर्चा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी चुनाव की सफल रणनीति बनाने में जुट गए हैं। इसके बाबत उन्होंने दोपहर डेढ़ बजे के करीब संसद भवन स्थित अपने कक्ष में भाजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल, धमेंद्र प्रधान समेत अन्य के साथ रणनीतिक चर्चा की। कुल मिलाकर सत्ता पक्ष कमर कसकर तैयार है और उसका इरादा पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से अधिक वोट पाकर सीपी राधाकृष्णन को चुनाव जितवाना है।

क्या जगदीप धनखड़ से सीपी राधाकृष्णन को मिलेंगे अधिक वोट?
जगदंबिका पाल भाजपा के सांसद हैं। पहले कांग्रेसी थे। वह तपाक से कहते हैं कि सीपी राधाकृष्णन को अधिक वोट मिलना तय है। बंपर मतो से जीत होगी। सवाल दक्षिण के राधाकृष्णन का है। हालांकि, जगदंबिका पाल एक बात को सहसा मान लेते हैं। उन्हें पता है कि विपक्ष की भी एक राजनीतिक मजबूरी है। इसलिए संभव है कि उपचुनाव में सर्वसम्मति की स्थिति न बन पाए और विपक्ष उम्मीदवार उतारे?

पाल कहते हैं कि लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। अगला उपराष्ट्रपति हमारा ही होगा। जब जगदंबिका पाल यह आत्मविश्वास दिखा रहे थे तो थोड़ी दूर पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री उन्हें सुन रहे थे। पाल के जाते ही उन्होंने कहा कि बस दो दिन रुक जाइए। सूत्र का कहना है कि उम्मीदवार घोषित न होने के कारण अभी बोलना ठीक नहीं है। बस केवल एक इशारा समझ लीजिए। कांस्टीट्यूशन क्लब के सचिव का चुनाव हाल में संपन्न हुआ है। इसमें गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष भी वोट डालने गए थे। हालांकि, दोनों ही प्रत्याशी भाजपा के थे, लेकिन इसके आगे मुझे कुछ नहीं कहना है।

संसद में सबकी नजर बस तीन सवाल पर
संसद के गलियारे में आज मीडिया भी तीन खबरें ढूंढ रही थी। इसमें पहली जानकारी विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर थी। दूसरी नजर भाजपा के संभावित राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर टिकी थी। तीसरी सूचना में लोग जानना चाहते थे कि उ.प्र. के भाजपा अध्यक्ष कौन होंगे? इस खबर को टटोलने के लिए उ.प्र. से भी कई नेता सक्रिय थे। हालांकि, सबको पता है कि नई भाजपा में सही जानकारी समय से पहले मिल पाना बहुत मुश्किल है। इन तीन सूचनाओं के लिए खोजबीन करने वाले लोगों की निगाह में बिहार का चुनाव और राहुल गांधी की बिहार में चल रही यात्रा काफी महत्वपूर्ण रहा।

सियासी मियार की रीपोर्ट