वित्तीय अपराधों में वांछित भगोड़े हर्षित बाबूलाल जैन को यूएई से भारत लाया गया.

नई दिल्ली, 06 सितंबर। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय अपराधों में वांछित भगौड़े हर्षित बाबूलाल जैन को संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया है। गुजरात पुलिस द्वारा वांछित घोषित हर्षित बाबूलाल पर गंभीर वित्तीय अपराध के आरोप लगे हैं जिसमें कर चोरी, अवैध जुआ संचालन और धन शोधन जैसे मामले दर्ज हैं। यह कार्रवाई सीबीआई, गुजरात पुलिस और विदेश एवं गृह मंत्रालयों के बीच एक समन्वित प्रयास था।
इंटरपोल के लिए भारत के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में कार्यरत सीबीआई ने गुजरात अधिकारियों के अनुरोध पर 2023 में हर्षित बाबूलाल के लिए एक रेड नोटिस जारी किया था। इस नोटिस ने दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उसके वांछित भगोड़े होने की स्थिति के बारे में सचेत कर दिया। वांछित अपराधी हर्षित बाबूलाल को यूएई से निर्वासित किया गया और अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुजरात पुलिस के हवाले कर दिया गया।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि इंटरपोल चैनल विदेश भागने वाले अपराधियों पर नज़र रखने और उन्हें पकड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण टूल है। हाल ही के वर्षों में इंटरपोल के साझा प्रयास से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया गया है।
क्या है मामला?
सीबीआई ने 2 सितंबर को दर्ज मामले में बताया कि शिकायतकर्ता और उसकी बहन चंदौसी में रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाते हैं। व्यापार विस्तार के लिए शिकायतकर्ता की बहन ने ‘मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना’ के तहत 3 लाख रुपए के ऋण के लिए आवेदन किया था। बैंक ने 2.70 लाख रुपए का ऋण मंजूर किया, जिसमें से 1,82,500 रुपए जारी कर दिए गए, लेकिन शेष राशि रोक दी गई।
शिकायत में आरोप था कि फील्ड ऑफिसर ने शेष राशि जारी करने के लिए 35 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। जांच में सामने आया कि यह मांग शाखा प्रबंधक की मिलीभगत से की गई थी। बाद में दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की राशि घटाकर 30 हजार करने पर सहमति जताई।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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