सब्जी मंडी में चार मंजिला इमारत गिरी, बड़े हादसे से टला संकट…

नई दिल्ली, 09 सितंबर उत्तर दिल्ली के सब्जी मंडी थाना क्षेत्र की पंजाबी बस्ती में मंगलवार तड़के करीब तीन बजे एक चार मंजिला पुरानी इमारत अचानक भरभरा कर ढह गई। हादसे की आवाज से आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन सौभाग्य से इमारत खाली होने के कारण कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। हालांकि, घटना के बाद बगल की इमारत में फंसे 14 लोगों को दमकल विभाग ने रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान कुछ लोगों के हल्के घायल होने की खबर है। कई वाहन मलबे के नीचे दब गए हैं और बचाव अभियान अभी जारी है।
दमकल विभाग की तत्परता से टला बड़ा नुकसान
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार घटना की जानकारी नियंत्रण कक्ष को रात तीन बजकर पांच मिनट पर मिली, जिसके बाद पांच फायर टेंडर और बचावकर्मी तुरंत मौके पर रवाना किए गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत पास की इमारत में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। दिल्ली पुलिस, कैट्स एम्बुलेंस सेवा और आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी घटनास्थल पर मौजूद हैं और मलबा हटाने का काम लगातार चल रहा है।
वर्षों पुरानी और जर्जर थी इमारत
जानकारी के अनुसार पंजाबी बस्ती की यह इमारत लगभग 200 गज में बनी थी और वर्षों पुरानी होने के साथ-साथ काफी जर्जर हालत में थी। नगर निगम (एमसीडी) ने इसे पहले ही ‘डेंजर’ घोषित कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद यह ढांचा लंबे समय से जस का तस खड़ा रहा। स्थानीय निवासियों ने कई बार निगम को शिकायत देकर इस बिल्डिंग को गिराने की मांग की थी, पर कार्रवाई नहीं हो पाई। हादसे के बाद लोगों में नाराजगी और चिंता स्पष्ट है।
पास खड़े वाहन मलबे में दबे
इमारत ढहने से आसपास खड़े कई वाहन मलबे के नीचे दब गए। फिलहाल दमकल कर्मी और पुलिस इन्हें निकालने की कोशिश कर रही है। प्रशासन के मुताबिक मलबे की पूरी तरह सफाई तक इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया है, ताकि किसी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके।
एमसीडी ने ‘डेंजर’ घोषित की हुई थी इमारत
सब्जी मंडी थाना क्षेत्र की पंजाबी बस्ती में 200 गज में बनी चार मंजिला एक पुरानी बिल्डिंग भरभरा कर गिरने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि जब यह हादसा हुआ, उस समय इमारत के अंदर कोई मौजूद नहीं था, जिससे कोई बड़ा जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, बिल्डिंग के आसपास खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं। जानकारी के मुताबिक नगर निगम ने इस बिल्डिंग को पहले ही ‘डेंजर’ यानी खतरनाक घोषित किया हुआ था। इसके बावजूद, यह इमारत कई सालों से ऐसे ही खड़ी थी, जिससे स्थानीय लोगों में चिंता बनी हुई थी। आसपास के लोगों ने कई बार इस बाबत लिखित शिकायत भी दी थी पर निगम की तरफ से समय रहते बिल्डिंग को नहीं गिराया गया।
नरेला में छज्जा करने से गई थी बच्चे की जान
वहीं, कल दिल्ली के नरेला की प्रेम कॉलोनी में बारिश के चलते एक मकान का जर्जर छज्जा अचानक गिरने से उसके नीचे खेल रहे चार साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई थी। न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक, उपायुक्त हरेश्वर स्वामी ने बताया कि सोमवार को लगभग 4 बजे नरेला थाने को पुराने छज्जे के गिरने की सूचना मिली थी। नरेला थाना के एसएचओ पुलिस टीम के सहित मौके पर पहुंचे तो पता चला कि प्रेम कॉलोनी की गली नंबर-3 में एक मकान की पहली मंजिल पर बना पुराना बारिश के कारण छज्जा गिर गया था। यह छज्जा लोहे की बीम पर टिका था और उसके दोनों ओर शौचालय बने थे। स्वामी ने बताया कि उस समय बाहर खेल रहा चार वर्षीय बच्चा मलबे की चपेट में आ गया। परिजन और पुलिस द्वारा तुरंत उसे नरेला के सत्यवती राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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