विश्व पशु कल्याण दिवस पर नेताओं और कलाकारों ने की अपील, पशुओं की करें देखभाल..
‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ पर शनिवार को हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने पशुओं की देखभाल करने का संकल्प लेने का आह्वान किया है। इसके अलावा भी कई नेताओं ने पशुओं के संरक्षण की अपील की।
हरियाणा सरकार के डीपीआर ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट पर लिखा, ”विश्व पशु दिवस पर मुख्यमंत्री नायाब सैनी ने सभी से पशुओं की देखभाल करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। पशु हमारे पर्यावरण और जीवन-चक्र का अभिन्न हिस्सा हैं, साथ ही मानवता के सच्चे साथी भी हैं। उनका संरक्षण ही धरती पर संतुलन और करुणा बनाए रखने का मार्ग है।”
इसी तरह, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने भी अपने एक्स पोस्ट में विश्व पशु दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, ”पशु हमारी सभ्यता और संस्कृति ही नहीं हैं, बल्कि वे हमारी समृद्धि और अर्थव्यवस्था के संवाहक भी रहे हैं। आइए, हम सब इनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हों।”
वहीं, पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध गायक और अभिनेता अनुज शर्मा ने भी इस मौके पर अपनी भावना व्यक्त की। उन्होंने लिखा, “विश्व पशु कल्याण दिवस… आइए इस अवसर पर पशुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके प्रति संवेदनशील होने का संकल्प लें।”
हर साल 4 अक्टूबर को दुनियाभर में ‘विश्व पशु कल्याण दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर जानवरों के अधिकारों और उनके कल्याण को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। जानवर प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इंसानों की जिंदगी और जानवरों का जीवन एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। पशु न केवल हमारे भोजन और रोजगार का स्रोत हैं, बल्कि वे हमें संवेदनशीलता, करुणा और सहानुभूति भी सिखाते हैं।
विश्व पशु कल्याण दिवस की शुरुआत 1925 में हुई थी। इसे पहली बार जर्मनी के बर्लिन शहर में मनाया गया था। हेनरिक जिमर्मन नाम के व्यक्ति ने इस दिवस को मनाने की पहल की, जिन्होंने जानवरों के अधिकारों और कल्याण के लिए इस दिन को समर्पित किया। शुरुआत में यह दिन 24 मार्च को मनाया गया, लेकिन बाद में इसे 4 अक्टूबर को स्थायी रूप से मनाने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह था कि 4 अक्टूबर को सेंट फ्रांसिस ऑफ अस्सीसी का जन्मदिन होता है, जो जानवरों के संरक्षक और प्रकृति प्रेमी माने जाते हैं।
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जानवरों के प्रति इंसानों की सोच में बदलाव लाना है। जानवर भी हमारे जैसे संवेदनशील जीव हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कई बार इंसान अपनी जरूरतों और स्वार्थों के लिए जानवरों का शोषण करता है। कुछ जानवरों को उनके अंगों के लिए मार दिया जाता है, तो कुछ के प्राकृतिक आवासों को नष्ट कर दिया जाता है। इससे न केवल जानवरों की प्रजातियां खतरे में पड़ गई हैं, बल्कि पूरा इकोसिस्टम भी असंतुलित हो गया है।
हाथी, गैंडा, बाघ, पक्षी और कई अन्य जीव इस पृथ्वी पर जीवन को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं। अगर हम इनकी रक्षा नहीं करेंगे तो न केवल ये जानवर लुप्त हो जाएंगे, बल्कि हमारे पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ेगा।
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुओं का महत्व और भी अधिक है। लगभग 70 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है और पशुधन उनके जीवन का अहम हिस्सा होते हैं। पशुओं से हमें दूध, मांस, ऊन और खेती में सहायता मिलती है।
इसके अलावा गरीब परिवारों के लिए पशुधन एक आर्थिक सुरक्षा का माध्यम भी है। इसलिए हमें न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा करनी है, बल्कि घरेलू पशुओं का भी सम्मान और देखभाल करनी चाहिए। इस दिन विभिन्न संस्थान, एनजीओ और पशु प्रेमी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, जिनके तहत बताया जाता है कि कैसे हम अपने आसपास के जानवरों की मदद कर सकते हैं, उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं और उन्हें प्यार दे सकते हैं।
विश्व पशु कल्याण दिवस पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें पशुओं के संरक्षण के लिए सेमिनार, जागरूकता रैलियां, पशु चिकित्सा शिविर, और फंडरेजिंग इवेंट शामिल हैं।
स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों को जानवरों के प्रति दया और सम्मान की भावना विकसित करने के लिए सेशन चलाए जाते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस दिन की महत्ता को बताया जाता है ताकि युवा वर्ग भी पशुओं के प्रति संवेदनशील बने। कई जगहों पर पशु अधिकारों के लिए काम करने वाले लोग अपने अनुभव साझा करते हैं और लोगों को पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करते हैं।
सियासी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal