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महिंद्रा कर रही ऑटो और ट्रैक्टर व्यवसाय को अलग करने पर विचार

महिंद्रा कर रही ऑटो और ट्रैक्टर व्यवसाय को अलग करने पर विचार

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर । महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) कंपनी अपने मुख्य ट्रैक्टर, पैसेंजर व्हीकल और ट्रक बिजनेस को अलग-अलग इकाईयों में विभाजित कर सकती है। इस कदम का उद्देश्य व्यवसाय की संभावनाओं को उजागर करना, मापनीयता बढ़ाना और प्रत्येक सेगमेंट के लिए अधिक केंद्रित रणनीतियों को अपनाना है।

देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) एक बड़े रणनीतिक पुनर्गठन पर विचार कर रही है। इससे कंपनी को ऑटोमोटिव सेक्टर में स्थिर और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह अभी शुरुआती इंटरनल डिस्कशन का दौर है और महिंद्रा ने इस संबंध में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है। वर्तमान में ये व्यवसाय समूह की प्रमुख कंपनी के अंतर्गत प्रभागों के रूप में काम कर रहे हैं।

पिछले पांच सालों में ऑटोमोटिव और कृषि उपकरण (एफईएस) दोनों प्रभागों ने मजबूत विकास दर्ज किया है, जिससे एसयूवी और ट्रैक्टरों में महिंद्रा का नेतृत्व और मज़बूत हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय ध्यान ऑटोमोटिव व्यवसाय पर केंद्रित किया जा रहा है, क्योंकि कृषि उपकरण मानसून, ग्रामीण माहौल और सरकारी सब्सिडी नीतियों पर निर्भर रहते हैं, जबकि ऑटो व्यवसाय स्थिर और व्यापक विकास के अवसर प्रदान करता है। एनालिस्टों का अनुमान है कि महिंद्रा के वर्तमान शेयर मूल्य का लगभग दो-तिहाई हिस्सा केवल ऑटोमोटिव सेगमेंट से आता है। व्यवसायों के अलग होने से पूंजी आवंटन में तेजी आएगी और प्रत्येक यूनिट स्वतंत्र रणनीतियां बना सकेगी।

पैसेंजर व्हीकल शाखा में स्कॉर्पियो, थार, एक्सयूवी रेंज और बॉर्न इलेक्ट्रिक प्लेटफॉर्म जैसे लोकप्रिय ब्रांड शामिल हैं। इसे संभावित रूप से एक स्वतंत्र यूनिट बनाया जा सकता है। वहीं ट्रक और कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट, जिसमें हाल ही में अधिग्रहित एसएमएल इसुज़ु भी शामिल है, एक केंद्रित वर्टिकल के रूप में विकसित होने की संभावना है। महिंद्रा के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कदम भविष्य के लिए तैयार रहने और सभी व्यवसायों की क्षमता को पूरी तरह उजागर करने की दिशा में है।

सियासी मियार की रिपोर्ट