महाराष्ट्र में अदालत ने हत्या के प्रयास मामले में ऑटो चालक को बरी किया
ठाणे की एक अदालत ने 2022 में एक व्यक्ति की हत्या के प्रयास के एक मामले में एक ऑटो-रिक्शा चालक को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष अपने पक्ष को साबित करने में विफल रहा।
ठाणे के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस.बी. अग्रवाल ने प्राथमिकी और अदालत में पीड़ित की गवाही के बीच विसंगतियां पाईं।
यह आदेश 15 अक्टूबर को पारित किया गया और उसकी प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी जगदीश उर्फ यागदेव भीखो महतो (54) ने तीन नवंबर 2022 को महाराष्ट्र में ठाणे शहर के कोपरी इलाके में जब्बार अब्दुल रहमान मालगुडकर के सिर और हाथ पर धारदार हथियार से कथित तौर पर हमला किया।
इसके बाद आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास और अवैध हथियार रखने सहित विभिन्न आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की गई।
पीड़ित आरोपी को जानता था। उसने गवाही दी कि वह और जगदीश नाश्ता करने के बाद आरोपी के घर आए थे। उसने कहा कि जब वह बिस्तर पर लेटा हुआ अपने मोबाइल फोन पर क्रिकेट मैच देख रहा था तभी आरोपी अचानक रसोई में गया, वापस आया और उस पर हमला कर दिया।
न्यायाधीश अग्रवाल ने हालांकि कहा कि प्राथमिकी में पहले हुए एक विवाद का जिक्र है, जिसमें दावा किया गया है कि आरोपी इसलिए नाराज था क्योंकि पीड़ित ने उसे सोने की चेन और 10,000 रुपये देने से इनकार कर दिया था। ये विवरण पीड़ित ने अदालत में गवाही के दौरान छिपाए रखे।
अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत घटनाओं के क्रम को भी अविश्वसनीय पाया।
अदालत ने कहा, ‘‘यह समझ पाना मुश्किल है कि खुशी-खुशी साथ में नाश्ता करने और कमरे में आने के बाद अचानक ऐसा क्या हुआ कि आरोपी ने पीड़ित पर हमला कर दिया। इससे घटना की उत्पत्ति पर संदेह पैदा होता है।’’
पड़ोसियों से प्राप्त साक्ष्य पीड़ित के बयान के विपरीत हैं तथा चिकित्सकीय प्रमाण पत्र में तीन साधारण चोटों का उल्लेख किया गया जिससे हत्या के प्रयास का आरोप साबित करना और जटिल हो गया।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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