वैवाहिक रेप वहां ज्यादा होता है, जहां कपल अलग हो गए होते हैं

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सांसद शशि थरूर ने मेरिटल रेप का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि कड़े रेप विरोधी कानून होने के बावजूद भारत उन कुछ लोकतंत्रों में से एक है, जहां वैवाहिक बलात्कार को उतनी गंभीरता से नहीं देखा जाता। एक कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि भारत उन कुछ लोकतंत्रों में से एक है जहां पति द्वारा पत्नी की सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाने के मामले को उसकी आवश्यक गंभीरता के साथ नहीं देखा जाता।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस छूट को थरूर ने न्याय का मजाक बताया। उन्होंने कहा कि यह उन मामलों में भी छूट देता है, जहां कपल अलग हो गया पर कानूनी रूप से तलाक नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वैवाहिक रेप वहां ज्यादा होता है, जहां कपल अलग हो गया है। इसके बावजूद पति जब चाहे तब लौटता है और पत्नी के साथ जबरदस्ती करता है और कुछ नहीं किया जा सकता, क्योंकि कानून उन्हें अब भी पति और पत्नी मानता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि भारत में मजबूत रेप विरोधी कानून है, लेकिन पतियों के लिए अपवाद भी हैं, जो किसी महिला की सहमति के बिना वैवाहिक रेप के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पतियों को छूट क्यों दी जानी चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने जीवन साथी का सम्मान नहीं करता है और वैवाहिक संबंधों का हवाला देकर उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ रेप करता है तो यह कानून का उल्लंघन है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा है।
थरुर ने कहा कि मौजूदा प्रावधान एक पुरानी धारणा पर आधारित है कि विवाह एक पवित्र संस्कार है और इसके अंदर जो कुछ भी होता है उसे अन्यथा वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि घरेलू रेप के खिलाफ एक उचित कानून देश में लाना बहुत जरूरी है। हालांकि यह दुखद है कि विशेष मंत्रालय संभालने वाली महिला मंत्रियों ने भी इस तरह के अत्याचारों को रोकने के लिए इस पहलू पर ध्यान नहीं दिया।।
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