Friday , December 26 2025

नए साल में पूरी तरह लागू होंगे चार लेबर कोड, ईपीएफओ 3.0 से पीएफ निकासी और पेंशन होगी आसान

नए साल में पूरी तरह लागू होंगे चार लेबर कोड, ईपीएफओ 3.0 से पीएफ निकासी और पेंशन होगी आसान

नई दिल्ली, 26 दिसंबर केंद्र सरकार ने पांच साल के लंबे इंतजार के बाद देश में चारों लेबर कोड्स को पूरी तरह लागू करने की दिशा में प्रक्रिया तेज कर दी है। सरकार के मुताबिक, इन संहिताओं से जुड़े नियमों के अधिसूचित होने के बाद वर्ष 2026 में ये पूरी तरह प्रभावी हो जाएंगे। इसके लागू होने से देशभर के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और रोजगार से जुड़े अधिकारों को एक समान और व्यापक ढांचे में सुनिश्चित किया जा सकेगा।

इसके साथ ही श्रम मंत्रालय वर्ष 2026 में ईपीएफओ 3.0 लाने की तैयारी में है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) की निकासी प्रक्रिया को और अधिक सरल व तेज बनाया जाएगा। साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना–1995 के तहत पेंशन निर्धारण और कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना–1976 के अंतर्गत बीमा दावों के निपटान की प्रक्रिया भी आसान होगी।

2025 श्रम और रोजगार तंत्र के लिए परिवर्तनकारी वर्ष

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि वर्ष 2025 भारत के श्रम और रोजगार तंत्र के लिए एक परिवर्तनकारी वर्ष रहा है। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर 2025 से चारों लेबर कोड्स लागू हो चुके हैं, जिनके तहत 29 पुराने श्रम कानूनों को एक आधुनिक, सरल और समग्र ढांचे में समाहित किया गया है।

मंत्री ने कहा कि 2026 में सरकार का फोकस तकनीक आधारित सेवाओं, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन और लेबर कोड्स के नियमों को लागू करने पर रहेगा। इससे कार्यस्थलों पर स्पष्टता, समानता और पूर्वानुमेयता बढ़ेगी तथा भारत एक आधुनिक, औपचारिक और समावेशी श्रम बाजार की ओर तेजी से आगे बढ़ेगा।

दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार का लक्ष्य

मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत करीब एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय से अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। लगातार नीतिगत प्रयासों के चलते सामाजिक सुरक्षा कवरेज 10 साल पहले के 19 प्रतिशत से बढ़कर अब 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में किए गए सुधारों से पीएफ निकासी प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सरल हुई है, जिससे करोड़ों सदस्यों को अपने फंड तक तेज और सुगम पहुंच मिली है। इसके अलावा ई-श्रम पोर्टल और नेशनल करियर सर्विस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म बड़ी संख्या में श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

ट्रेड यूनियनों का विरोध, उद्योग जगत का समर्थन

हालांकि, कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने लेबर कोड्स का विरोध करते हुए इन्हें श्रमिक-विरोधी करार दिया है। 22 दिसंबर 2025 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 12 फरवरी 2026 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियनों का कहना है कि यदि सरकार नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

वहीं उद्योग जगत ने इन सुधारों का समर्थन किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) से जुड़े उद्योग प्रतिनिधियों का मानना है कि लेबर कोड्स से श्रमिकों के कल्याण के साथ-साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा और भारत का श्रम तंत्र भविष्य के लिए अधिक सक्षम और प्रतिस्पर्धी बनेगा।

सियासी मियार की रीपोर्ट