एच1बी वीजा की 1 लाख डॉलर की फीस बढ़ोतरी को अमेरिकी कोर्ट की हरी झंडी

अमेरिका जाकर दुनिया में अपना नाम कमाने का सपना संजोए देश के तमाम युवा छात्रों, आईटी व अन्य क्षेत्रों से जुड़े हुए पेशेवरों को अब एच1बी वीजा लेने के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए से अधिक) की आवेदन फीस का अगले साल 27 फरवरी 2026 से अनिवार्य रूप से भुगतान करना पड़ेगा। क्योंकि इस संबंध में अमेरिका की एक संघीय अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फीस बढ़ोतरी के निर्णय को शत-प्रतिशत सही ठहराते हुए उस पर अपनी मुहर लगा दी है। साथ ही ये भी कहा है कि ट्रंप प्रशासन अपने इस फैसले के साथ बेधड़क आगे बढ़ सकता है। जिसके बाद स्वाभाविक रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति का मन सातवें आसमान में उड़ रहा होगा और अब वह इस वीजा से जुड़े हुए पुराने रैंडम लॉटरी सिस्टम को भी पूरे आत्मविश्वास के साथ लागू करने के लिए तेजी से कदम आगे बढ़ाएंगे। लेकिन इस पूरे माहौल के बीच सबसे ज्यादा मुश्किल टेक कंपनियों के लिए खड़ी हो गई है। जो सालाना एच1बी वीजा के जरिए बड़ी तादाद में भारतीय युवाओं की भर्ती करती हैं।
अमेरिका के जिला न्यायाधीश बेरिल हॉवेल ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस लोकप्रिय वीजा कार्यक्रम की लागत में भारी वृद्धि का आदेश देकर अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर रहकर ही काम किया है। उनका ये फैसला अमेरिका के कर्मियों को रोजगार प्रदान करने के प्रयासों को प्रदर्शित करता है। इसके अलावा न्यायाधीश ने अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि अमेरिका के राष्ट्रपति के पास इस तरह की फीस बढ़ोतरी करने का कोई अधिकार नहीं है। राष्ट्रपति को आर्थिक, राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं से जुड़े हुए मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा प्रदान किया गया निर्णय लेने का अधिकार है।
71 फीसदी भारतीयों को मिलता एच1बी वीजा
अनुमानित आंकड़ा कहता है कि अमेरिका द्वारा दिए जाने वाले एच1बी वीजा के दुनियाभर में सबसे ज्यादा 71 फीसदी लाभार्थी भारतीय हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसी साल 20 सितंबर को अपने एक कार्यकारी आदेश के जरिए एच1बी वीजा के लिए फीस बढ़ोतरी के इस निर्णय की घोषणा की थी। पहले एच1बी वीजा के लिए रजिस्ट्रेशन व अन्य शुल्क मिलाकर 2 से 5 हजार डॉलर (लगभग 1 से 4.2 लाख रुपए तक) तक की फीस देनी पड़ती थी। वर्तमान में अमेरिका हर साल 65 हजार वीजा प्रदान करता है। जिसमें उच्च-डिग्री वाले कर्मियों के लिए तय किए गए 22 हजार अतिरिक्त वीजा भी शामिल हैं। फीस बढ़ोतरी के फैसले को जायज ठहराते हुए ट्रंप प्रशासन ने बीते वक्त में कहा था कि इसे केवल साल में एक बार नए वीजा आवेदकों से ही वसूला जाएगा। पुराने वीजा धारकों या वीजा नवीनीकरण वाले लोगों पर बढ़ी हुई फीस के भुगतान का निर्णय लागू नहीं होगा।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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