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घर में भी काम करने लगे हैं रोबोट…

घर में भी काम करने लगे हैं रोबोट…

तमाम तकनीकी विकास के बावजूद महिलाओं को घर में झाड़ू पोंछा लगाने जैसे झंझटभरे कामों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा। हां, वैक्यूम क्लीनर के आने से उन्हें थोड़ी अस्थायी राहत ज़रूर मिली थी लेकिन वैक्यूम क्लीनर का कामकाज का तौर-तरीका अलग है और उसके इस्तेमाल से भी झाड़ू-पोंछे की जरूरत खत्म नहीं होती। अलबत्ता, अब रोबोट टेक्नॉलॉजी से जरूर उनके लिए उम्मीदें जगी हैं। क्या कहा आपने रोबोट?

जी हां, रोबोट का जिक्र आने पर आम तौर पर हमारे दिमाग में एक ऐसे मशीनी इंसान की कल्पना आती है, जिसके स्टील के हाथ, स्टील के पांव, कैमरे जैसी आंखें हों। लेकिन रोबोटिक्स की दुनिया सिर्फ ऐसे मशीनी मानवों तक सीमित नहीं हैं जो प्रयोगशालाओं या बड़े उद्योगों तक सीमित हैं। रोबोट टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल रोजमर्रा के कामकाज को बेहतर और आसान बनाने में भी किया जा रहा है और यहीं से महिलाओं के लिए भी उम्मीद की किरण पैदा होती है।

आइरोबोट नामक अमेरिकी कंपनी इस तरह के रोबोट्स के विकास में महारत हासिल कर चुकी है। उसने कई किस्मों के रोबोट बनाए हैं, जिनमें से खास हैं- रूम्बा और स्कूबा। रूम्बा वजन तौलने वाली मशीन जैसा दिखने वाला रोबोट है जो वैक्यूम क्लीनिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए चुपचाप घर में घूम-घूमकर साफ-सफाई का काम करता रहता है।

एक बार स्टार्ट किए जाने के बाद वह एक-एक कर हर कमरे में जाएगा और कभी गोल घूमकर तो कभी दीवारों के साथ-साथ रेंगकर फर्श को साफ करता चला जाएगा। इस दौरान रास्ते में आने वाले तमाम कूड़े-करकट और गंदगी को वह अपने भीतर मौजूद एक पात्र में इकट्ठा करता चला जाता है। खास बात यह है कि यह रोबोट सीढ़ियों को भी साफ करता चला जाता है। अगर आपका घर एक से ज्यादा मंजिल का है तो सीढ़ियां उतरते हुए ऊपर की मंजिल से नीचे की मंजिल पर चले जाना इसके बाएं हाथ का खेल है!

रूम्बा श्रेणी में कई रोबोट आए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा कामयाब और चर्चित है- रूम्बा 770, जिसकी एक खासियत सामने आने वाली चीजों को पहचानने की है। अगर उसके मार्ग में कोई रुकावट आती है तो अपने सेंसर की मदद से इसे तुरंत भांपकर वह खुद-ब-खुद दिशा बदलकर आगे बढ़ जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि वह घर में मौजूद फर्नीचर, जूतों, किताबों वगैरह से टकराता नहीं है। इसी तरह, शिशुओं को भी इससे कोई खतरा नहीं है। यह कोई दिखावटी गैजेट नहीं है बल्कि अपना काम बखूबी करता है। जो एक बात छात्रों, महिलाओं, पेशेवरों आदि को बहुत पसंद आएगी, वह है- शिड्यूलिंग। आप चाहें तो अलार्म घड़ी की तरह इसे कुछ घंटे या मिनट के बाद साफ-सफाई करने के लिए शिड्यूल कर सकते हैं।

सियासी मियार की रिपोर्ट