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परिवार की तंदुरुस्ती घर की स्त्री पर निर्भर…

परिवार की तंदुरुस्ती घर की स्त्री पर निर्भर…

वैसे तो हमारे स्वास्थ्य की चाबी हमारे ही हाथ में होती है। फिर भी पूरे परिवार की तंदुरुस्ती का आधार घर की स्त्री पर ही निर्भर होता है। अगर वह घर के बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक में पौष्टिक आहार खाने की आदत डालती है तो शारीरिक स्वस्थता के साथ−साथ उम्र भी बढ़ती है।

सामान्य रूप से आज की लाइफ स्टाइल ऐसी हो गई है कि हम क्या खा रहे हैं इस पर ज्यादा ध्यान ही नहीं देते। हमें कोल्ड ड्रिंक्स, पीजा, सैंडविच, पकौड़े और तली हुई चीजें ज्यादा पसंद आती हैं। कहीं पार्टी का निमंत्रण हो तब भी हमें ऐसी ही चीजें ज्यादा पसंद आती हैं जबकि ऐसी जगहों पर सलाद, जूस, सूप, नींबू पानी, पुलाव, सब्जियां, रायता आदि भी होता है।

जैसे−जैसे लोगों के मन में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आती जा रही है वैसे−वैसे लोग डायटिंग की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। डायटिंग करने वाले कुछ लोग भोजन के नाम पर उबला हुआ खाना खाते हैं पर वास्तव में ऐसे भोजन का क्या फायदा जो न तो हमें स्वाद दे और न ही संतुष्टि। हमारे भोजन का संबंध हमारे शरीर के साथ−साथ मस्तिष्क से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए अगर हमें भोजन से आनंद और संतुष्टि नहीं मिलेगी तो मानसिक तनाव पैदा होगा जिसका विपरीत असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

महिलाओं को चाहिए कि वह अपने घर में सभी सदस्यों को दिन में एक बार फ्रेश फ्रूट खाने की आदत डालें। खाने में जिस तरह से क्या खाना चाहिए का महत्व है उसी तरह कब, कैसे और किस स्थित मिें क्या खाना चाहिए, जैसी बातों का भी महत्व है। अगर समय पर भोजन नहीं किया जाए तो बदहजमी, गैस, एसीडिटी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं क्योंकि आहार के साथ हमारी पाचन क्रिया का संबंध है।

महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर का कोई भी सदस्य खाने में जल्दबाजी नहीं करे। खाने में पूरा समय देना चाहिए तथा संपूर्ण ध्यान खाने पर ही केंद्रित होना चाहिए। अगर हम गुस्से में खाना खाते हैं तो खाया हुआ सारा खाना जल जाता है।

दिन की शुरुआत से लेकर दिन ढलने तक हमारी शारीरिक क्रियाएं बदलती रहती हैं। सूर्योदय से दोपहर तक हमारी पाचन शक्ति तीव्र रहती है। बाद में जैसे−जैसे दिन ढलता है, सूर्यास्त होता है वैसे−वैसे शरीर के अंग आराम चाहते हैं। पाचक रस भी मंद होने लगते हैं इसलिए तो पुराने समय में लोग सूर्यास्त तक रात्रि भोजन कर लिया करते थे। सोते समय खाने से रक्त को आक्सीजन कम मिलती है जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

स्वस्थ जीवन के लिए मात्र संतुलित भोजन ही जरूरी नहीं है इसके साथ ही हमारी आदतें भी अच्छी होनी चाहिए जिसकी तरफ लोग अकसर ध्यान नहीं देते। स्वस्थ रहने के लिए खाने का पूरा मजा लूटना भी जरूरी है। इसलिए घर की महिलाओं को चाहिए कि वह एक तो तेल या घी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करें साथ ही मिर्च−मसालों पर नियंत्रण रखते हुए कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर स्वादिष्ट भोजन बनाएं। साथ ही घर के सभी सदस्यों को एक साथ ही खाने के लिए प्रेरित करें नहीं तो कम से कम खाने का समय तो निश्चित कर ही दें ताकि वक्त−बेवक्त खाना खाकर स्वास्थ्य खराब नहीं हो।

सियासी मियार की रिपोर्ट