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न्यायालय ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र की सराहना की…

न्यायालय ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र की सराहना की…

नई दिल्ली, 04 मार्च । उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र की इस दलील पर गौर किया कि उसने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीय छात्रों को अब तक बाहर निकाला है। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि वह सरकार के प्रयासों की सराहना करता है लेकिन लोगों की चिंता को लेकर गंभीर है।

न्यायालय ने केंद्र से यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावकों और परिवारों के लिए “ऑनलाइन हेल्पलाइन” स्थापित करने पर विचार करने तथा उच्च न्यायालयों को यह बताने के लिए कहा कि छात्रों की निकासी से संबंधित मुद्दे पर गौर नहीं करें ताकि मुकदमों की बहुलता से बचा जा सके।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की दलील पर गौर किया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीय छात्रों को अभी तक वहां से निकाला जा चुका है। वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार शेष लोगों को भी निकालने की कोशिश कर रही है और वह भी अदालत के समान ही चिंतित है।

पीठ ने कहा, ” आप जो प्रयास कर रहे हैं उसके बारे में कुछ भी, एक भी शब्द हम नहीं बोल रहे हैं। हम आपके कदमों की सराहना करते हैं लेकिन साथ ही, हम लोगों की चिंता को लेकर भी चिंतित हैं।’’

सुनवाई की शुरुआत में, प्रधान न्यायाधीश ने यूक्रेन पर रूस के हमले को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया

और कहा कि विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।

पीठ ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने इतिहास से कोई सबक नहीं सीखा है जहां मानव जाति युद्ध लड़ रही है और लोगों की जान ले रही है। विवादों को बातचीत से हल किया जा सकता है… इन मुद्दों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन, हमारे लिए चिंता की बात यह है कि इन छात्रों को कैसे बचाया जाए।”

पीठ ने बेंगलुरु निवासी फातिमा अहाना और कई अन्य मेडिकल छात्रों को निकालने के लिए वेणुगोपाल से मदद करने को कहा। उन्होंने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता और अन्य लोग आज रात भारत पहुंच रहे हैं।

शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा से उस लड़की के बारे में संपर्क किया था जो रोमानिया पार करने में असमर्थ थी और यूक्रेन में फंसी हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस चिंता से श्री पी के मिश्रा को अवगत कराया गया था। उन्होंने उससे श्री सिंधिया (केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया) को अवगत कराया और फातिमा अहाना का टेलीफोन नंबर भी दिया गया था… वह (छात्रा) अब रोमानिया में हैं।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अटॉर्नी जनरल, इस मामले में आपने व्यक्तिगत रुचि लेकर जो प्रयास किए, उसके लिए हम आपका दिल से शुक्रिया अदा करते हैं।”

यूक्रेन में फंसे छात्रों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर, वेणुगोपाल ने कहा कि सुबह की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 7,000 छात्र वहां बचे हैं तथा 17,000 लोगों को पहले ही वहां से निकाला जा चुका है।

गौरतलब है कि रूस की सैन्य कार्रवाई से बुरी तरह प्रभावित यूक्रेन में फंस गए भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ‘‘ऑपरेशन गंगा’’ चला रही है।

सियासी मियार की रिपोर्ट