पश्चिमी यूक्रेन पर रूस के हमले तेज होने के बीच वार्ता बहाल होने की उम्मीद…

ल्वीव, 14 मार्च । युद्धग्रस्त यूक्रेन ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि रूस के साथ नए सिरे से कूटनीतिक वार्ता से और अधिक नागरिकों को निकाले जाने का रास्ता खुल सकता है। इससे एक दिन पहले मॉस्को ने पोलैंड की सीमा के समीप स्थित इलाकों में गोलाबारी तेज कर दी।
यूक्रेन के नेता ने आगाह किया कि हमले पड़ोसी देशों तक बढ़ सकते हैं। रविवार को पश्चिमी यूक्रेन में एक सैन्य अड्डे पर रूसी मिसाइलों से हमला किया गया, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गयी। यह सैन्य अड्डा यूक्रेन और नाटो देशों के बीच सहयोग का अहम केंद्र था।
इससे यह आशंका पैदा हो गयी है कि नाटो देश लड़ाई में शामिल हो सकते हैं। इस हमले ने पुराने शीतयुद्ध काल की दुश्मनी को फिर से पैदा कर दिया है और मौजूदा वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसे ‘‘काला दिन’’ बताया और नाटो नेताओं से देश पर ‘नो-फ्लाई’ जोन घोषित करने का अनुरोध किया। इस अनुरोध पर पश्चिमी देशों का कहना है कि इससे युद्ध में परमाणु टकराव का खतरा पैदा हो सकता है।
जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधी मुलाकात करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘अगर आप हमारे हवाई क्षेत्र को बंद नहीं करते हैं तो यह कुछ ही समय की बात है कि रूसी मिसाइलें आपके क्षेत्र पर गिरेंगी। नाटो देशों के नागरिकों के घरों पर गिरेंगी।’’
बहरहाल, क्रेमलिन ने जेलेंस्की के मुलाकात के प्रस्ताव पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है।
रूसी की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ के अनुसार, राजनयिकों के सोमवार को वार्ता शुरू करने की संभावना है।
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को, इन चिंताओं को लेकर चीन के एक अधिकारी से मुलाकात करने के लिए रोम भेज रहे हैं कि बीजिंग रूस की गलत सूचनाओं का प्रसार कर रहा है और पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों से बचने के लिए मॉस्को की मदद कर सकता है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि युद्ध में कम से कम 596 नागरिकों की मौत हो गयी है। हालांकि, उसका मानना है कि मृतकों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है और यूक्रेन के महाअभियोजक कार्यालय ने बताया कि मृतकों में कम से कम 85 बच्चे शामिल हैं।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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