आरएसएस और मोदी विरोधी पार्टियों को साथ आना चाहिए, इस पर चर्चा जारी : राहुल…

नई दिल्ली, 08 अप्रैल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकजुटता की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि जो भी दल आरएसएस एवं मोदी के खिलाफ हैं, उन्हें साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने के संदर्भ में चर्चा हो रही है कि इसका क्या स्वरूप होना चाहिए।
राहुल गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की। उन्होंने विपक्षी एकजुटता से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो भी आरएसएस और नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ हैं उन सबको एकसाथ आना चाहिए। किस प्रकार साथ आना चाहिए, क्या स्वरूप होना चाहिए, इस पर चर्चा हो रही है।’’ राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि विपक्षी एकजुटता को अंजाम तक पहुंचाने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जिस देश में शांति और सद्भाव नहीं होगा कि वहां नफरत बढ़ेगी, महंगाई बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था नहीं चलेगी, रोजगार नहीं मिलेगा। अगर देश् को मजबूत बनाना है तो सबसे जरूरी चीज शांति है। भाजपा के लोग सोचते हैं कि लोगों को डराकर, नफरत फैलाकर और लोगों को मारकर हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘देश के जो आर्थिक हालात हैं और रोजगार की हालत है, वो जो आगे आने वाला है, वो आपने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा होगा। देश में रोजगार का ढांचा टूट गया है। छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र हमारी रीढ़ की हड्डी हैं, इसे तोड़ दिया गया है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री बाहर के देशों को देखते हैं और कहते हैं कि हमें ऐसे बनना है। हमें सबसे पहले अपने देश की स्थिति देखनी है और फिर यह देखना होगा कि हमें क्या करना है।’’ उन्होंने यूक्रेन संकट का हवाला देते हुए दावा किया कि वहां रूस ने जो किया है, चीन भी भारत को लेकर वही मॉडल अपना रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सरकार वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर रही है। मैं कह रहा हूं कि वास्तविकता स्वीकार करिये। अगर आपने तैयारी नहीं की, तो जब मामला खराब होगा तो आप प्रतिक्रिया नहीं कर पाओगे।’’
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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