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आईआईटी, एनटीपीसी ने बिजली संयंत्रों से कार्बन सोखने के लिए तकनीक विकसित की…

आईआईटी, एनटीपीसी ने बिजली संयंत्रों से कार्बन सोखने के लिए तकनीक विकसित की…

नई दिल्ली, । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी ने बिजली संयंत्रों से कार्बन डाइऑक्साइड सोखने के लिए अत्यधिक ऊर्जा कुशल संयंत्र डिजाइन और विकसित करने को लेकर राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) लिमिटेड के साथ भागीदारी की है।

आईआईटी ने कहा कि इस तकनीक में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने की क्षमता है तथा इससे प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम रिफाइनरी को मदद मिलेगी।

अधिकारियों के अनुसार, आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित तकनीक फ्लू गैस पर काम करती है। यह गैस बिजली केंद्रों में ईंधन या अन्य सामग्री के जलने से उत्पन्न गैसों का मिश्रण है। यह एक नए सक्रिय अमाइन विलायक (आईआईटीजीएस) का उपयोग करके वाणिज्यिक सक्रिय एमडीईए (मोनोएथेनॉलमाइन) विलायक की तुलना में 11 प्रतिशत तक कम ऊर्जा और बेंचमार्क एमईए (मोनोएथेनॉलमाइन) विलायक की तुलना में 31 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत करता है।

आईआईटी गुवाहाटी में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े बिष्णुपद मंडल ने कहा, ‘‘परीक्षण अध्ययन के सफल समापन के बाद, परीक्षण वाले संयंत्र को एनटीपीसी की नेत्रा सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया है। आईआईटी गुवाहाटी की टीम और एनटीपीसी लिमिटेड तकनीक का पेटेंट कराने की प्रक्रिया में हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तकनीक से वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने के आसार हैं। अध्ययन के अगले चरण में औद्योगिक फ्लू गैस का उपयोग करके पायलट-प्लांट का परीक्षण शामिल होगा।’’

उन्होंने कहा कि इस परियोजना के नतीजों से तेल, प्राकृतिक गैस, बायोगैस उद्योग और पेट्रोलियम रिफाइनरी को लाभ होगा। यह परियोजना, अपने अनुसंधान और शिक्षा के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को भी समर्थन और मजबूत करेगी।

सियासी मीयार की रिपोर्ट