Monday , November 11 2024

अमेरिकी सांसदों ने जापान के साथ द्विपक्षीय गठबंधन के तहत मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई….

अमेरिकी सांसदों ने जापान के साथ द्विपक्षीय गठबंधन के तहत मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई….

तोक्यो, 16 अप्रैल । यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण पैदा हुए वैश्विक तनाव और पड़ोसी देश चीन एवं उत्तर कोरिया से उत्पन्न खतरों के बीच जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और दौरे पर आए अमेरिकी सांसदों ने दोनों देशों के पुराने द्विपक्षीय गठबंधन के तहत मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की।

जापान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि नाश्ते के दौरान हुई एक बैठक में, दक्षिण कैरोलाइना से अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने ‘‘मुक्त और खुले प्रशांत क्षेत्र’’ के महत्व पर किशिदा के साथ सहमति व्यक्त की।

अमेरिका से आए छह सांसदों ने इससे पहले शुक्रवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चीन को चेतावनी जारी करते हुए स्व-शासित द्वीप पर लोकतंत्र के प्रति अपने समर्थन की एक स्पष्ट और सार्वजनिक घोषणा की।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में न्यू जर्सी से सांसद रॉबर्ट मेनेंडेज़, उत्तरी कैरोलाइना से सांसद रिचर्ड बर, ओहायो से सांसद रॉब पोर्टमैन, नेब्रास्का से सांसद बेन सासे और टेक्सास से सांसद रोनी जैक्सन भी शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के विरोध में चीन ने ताइवान के करीब एक सैन्य अभ्यास किया। चीन के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन ‘‘अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए तैयार है।’’

ताइवान पर चीन के रुख को लेकर जापान काफी समय से घबराया हुआ है। यूक्रेन में जारी युद्ध के कारण स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।

द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद अपनाया गया उसका शांतिवादी संविधान अंतरराष्ट्रीय विवादों में बल प्रयोग पर प्रतिबंध लगाता है।

जापान अपने विदेशी सैन्य अभियानों को शांति स्थापना और मानवीय राहत के लिए रखता है।

जापान आधिकारिक तौर पर ताइवान को मान्यता नहीं देता है लेकिन दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।

किशिदा ने सांसदों से कहा कि इस द्विपक्षीय गठबंधन को सभी राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने क्षेत्र में शांति और समृद्धि की दिशा में काम करने में जापान की भूमिका पर उनके सहयोग की मांग की।

मंत्रालय ने कहा कि तोक्यो ने दशकों पहले उत्तर कोरिया द्वारा अगवा किए गए जापानियों को घर लाने के लिए जापान द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए अमेरिका का समर्थन मांगा। उत्तर कोरिया ने 2004 में अपहृत लोगों में से कुछ को छोड़ दिया था।

चीन ताइवान सरकार और अन्य विदेशी सरकारों के बीच किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान के खिलाफ है क्योंकि उसका दावा है कि ताइवान स्वतंत्र देश नहीं, बल्कि उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है। चीन और ताइवान 1949 में गृहयुद्ध के बाद अलग हो गए थे।

सियासी मियार की रिपोर्ट