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नई सरकार के पहले तीन सप्ताह में खूब चला ‘योगी का बुल्डोजर’..

नई सरकार के पहले तीन सप्ताह में खूब चला ‘योगी का बुल्डोजर’...

लखनऊ, 17 अप्रैल। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती तीन सप्ताह, गरीब कल्याण की योजनाओं को आगे बढ़ाने के अलावा भ्रष्टाचार और अवैध कब्जों के खिलाफ मुख्यमंत्री का बुल्डोजर तेजी से चलने के लिये खूब चर्चा में रहे।

गत 25 मार्च को योगी सरकार ने शपथ ग्रहण के साथ ही अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही गरीबों को मुफ्त राशन वितरण की योजना काे अगले तीन महीने तक बढ़ाने का बड़ा फैसला किया। इसके तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को राशन आगे भी मिलता रहेगा।

इसके समानांतर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अफसरों और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ योगी का नजरें तिरछी बनी रहीं। इस कड़ी में सोनभद्र के जिलाधिकारी (डीएम) और गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सबसे पहले योगी सरकार के कोपभाजन का शिकार हुए। भ्रष्टाचार, लापरवाही, जनता की समस्याओं को अनदेखा करने एवं अपराध पर काबू न कर पाने के आधार पर इन दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।

लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार ने इसके बाद खनन मामलों में शिकायतों से घिरे औरैया के डीएम सुनील वर्मा को निलंबित कर दिया। इस बीच पिछले 20 दिनों में पूरे प्रदेश में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है। जिसमें 25 माफिया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय और 08 शासन की तरफ से चिन्हित किये गये। कुल मिलाकर पिछले 20 दिनों में 100 से ज्यादा अपराधियों और माफियाओं पर गरजा योगी बाबा का बुल्डोजर।

एक तरफ प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सरकार का बुलडोजर चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी अपनी सचेतक की भूमिका का निर्वाह करने की कोशिशों में जुट गया है। इस कड़ी में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रदेश में बढ़ते अपराध का मुद्दा उठाना शुरु कर दिया है।

अखिलेश ने योगी के दोबारा सत्तासीन होने के बाद सोशल मीडिया पर “आज का अपराधनामा” शीर्षक के साथ एक मुहिम शुरु की है। इसके तहत अखिलेश प्रतिदिन ट्विटर पर प्रदेश में दिन की किसी एक बड़ी आपराधिक घटना की खबर का जिक्र करते हैं। उनकी सोशल मीडिया टीम ने इस मुहिम की टैग लाइन रखी है, ‘योगी 2.0 के राज में-यूपी डूबा अपराध में।” विपक्ष की ओर से सत्तापक्ष पर निरंतर सचेत रहने का दबाव बनाने वाली यह मुहिम भी सुर्खियों में है।

इस बीच सरकार ने बलिया में बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने के आरोप में बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक को निलंबित कर गिरफ्तार करने का फैसला कर लापरवाह अधिकारियों को सख्त संदेश दिया।

इस दौरान सरकार ने जनता की शिकायतों और अग्निशमन जैसी सेवाओं पर त्वरित कार्रवाई को भी सुनिश्चित करने के उपाय किये गये। इसके तहत योगी सरकार ने सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा उपलब्धता कराने की पहल करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम 15 मिनट और शहरी क्षेत्र में अधिकतम 7 मिनट का रिस्पांस टाइम सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने नवरात्र पर्व के पहले दिन से महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस विभाग को विशेष अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये। एंटी रोमियो स्क्याड वापस शुरु किया गया। महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार का दूसरा बड़ा फैसला उप्र होमगार्ड के 20 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की भर्ती करने को लेकर किया गया। सरकार ने इस बाबत भर्ती प्रक्रिया अगले 100 दिन में शुरू होने का भरोसा दिलाया है। इतना ही नहीं योगी के निर्देश पर पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन की मंजूरी दी गयी।

स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती तीन सप्ताह में सभी मोर्चों पर सरकार के मुस्तैद रहने का संदेश जनता, जनप्रतिनिधियों और आला अधिकारियों को दिये। अपराध और भ्रष्टाचार के अलावा सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के लिये ही दो वर्ष के अंदर 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य के साथ फिर से ग्लोबल इन्वेस्टर समिट कराने, 100 दिन में तीसरी ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी करने और औद्योगिक निवेश की बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर ली है।

इस बीच मुख्यमंत्री ने गोरखपुर से लेकर लखनऊ स्थित अपने आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम की भी शुरुआत की। साथ ही अपने सहयोगी मंत्रियों को जन समस्याओं के निस्तारण के निर्देश दिये। विकास के मामले में भी क्षेत्रीय संतुलन कायम करने के लिये योगी ने अयोध्या, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर में दौरा कर विभिन्न योजनाओं से जुड़ी समीक्षा बैठके की।

मुख्यमंत्री योगी ने सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार कर काम करने के निर्देश दे कर सरकार में तैनात प्रत्येक व्यक्ति से अपने काम का कारगर प्रदर्शन करने की अपेक्षा मात्र होने का स्पष्ट संकेत दिया।

सियासी मियार की रिपोर्ट