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आतंकवाद तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटने पर भारत-फ्रांस में बनी सहमति…

आतंकवाद तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटने पर भारत-फ्रांस में बनी सहमति…

पेरिस, 05 मई । भारत और फ्रांस ने आतंकवाद के खतरे से निपटने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बदलते तेवरों की वजह से उत्पन्न चुनौतियों का एकजुट होकर सामना करने को लेकर सहमत जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यहां बुधवार को हुई बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देश लोकतंत्र, मौलिक स्वतंत्रता, कानून का राज और मानवाधिकारों के सम्मान के साझा मूल्यों को लेकर प्रतिबद्ध हैं। बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए भारत और फ्रांस ने प्रमुख रणनीतिक साझेदारियों में से एक पर काम करना तय किया है।

संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देश एक स्वतंत्र, मुक्त और कानून आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र चाहते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, नौवहन की स्वतंत्रता पर आधारित हो और बलपूर्वक शासन, तनाव तथा संघर्ष से मुक्त हो। भारत, अमेरिका और विश्व की अन्य शक्तियां संसाधन संपन्न क्षेत्र में चीनी सेना के बढ़ते हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने को लेकर वार्ता करते रहे हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी उसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किए हैं। पूर्वी चीन सागर में चीन का जापान के साथ भी क्षेत्रीय विवाद है।

संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत साझेदारी में रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, सम्पर्क, स्वास्थ्य और स्थिरता से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। द्विपक्षीय सहयोग के अलावा, भारत और फ्रांस क्षेत्र के विभिन्न संगठनों और समान विचारधारा वाले देशों के साथ विभिन्न स्वरूपों में नई साझेदारी विकसित करना जारी रखेंगे।’’ बयान में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करना भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की आधारशिला है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में। भारत और फ्रांस ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘भारत और फ्रांस छद्म आतंकवाद और सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद के सभी प्रारूपों की कड़ी निंदा करते हैं।’’ दोनों पक्षों ने इस वर्ष भारत द्वारा आयोजित किए जाने वाले ‘नो मनी फॉर टेरर’ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण के लिए समन्वय स्थापित करने की इच्छा भी व्यक्त की।

सियासी मियार की रिपोर्ट